Lok Sabha Election 2024: संगरूर सीट पर AAP, कांग्रेस और शिअद ने उतारे उम्मीदवार; भाजपा के लिए बने असमंजस के हालात
Lok Sabha Election 2024 पंजाब के संगरूर में आम आदमी पार्टी कांग्रेस और शिअद ने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। वहीं भाजपा के लिए असमंजस की स्थिति बनी हुई है। भाजपा अपना प्रत्याशी अभी तय नहीं कर पाई है। भाजपा अरविंद खन्ना पर दांव खेल सकती है। अरविंद खन्ना पिछले दो वर्षों में पूरे संसदीय क्षेत्र का दो बार दौरा कर चुके हैं।
सचिन धनजस, संगरूर। Lok Sabha Election 2024: आम आदमी पार्टी ने कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर को संगरूर लोकसभा सीट (Sangroor Lok Sabha Seat) से मैदान में उतार दिया है। वर्तमान सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने भी चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। शिअद ने पूर्व विधायक इकबाल सिंह झूंदा और बहुजन समाज पार्टी ने स्वास्थ्य विभाग के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मक्खन को टिकट दे दिया है।
कांग्रेस ने खेहरा को थमा दिया टिकट
वहीं, कांग्रेस ने भी रविवार को सुखपाल खेहरा को टिकट थमा दिया है। अब शेष पार्टी भाजपा में अभी भी टिकट को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। पार्टी में टिकट के कई दावेदार हैं, जिस वजह से उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं हो सका है। कांग्रेस से सुखपाल खेहरा के मैदान में उतरने के चर्चा तो पहले से ही थी। खेहरा समर्थक संगरूर में कोठी तक ढूंढने की तैयारी में जुट गए थे।
भाजपा अरविंद खन्ना पर खेल सकती है दांव
जानकारी के अनुसार 16 या 17 अप्रैल को खेहरा संगरूर पहुंच जाएंगे। भाजपा अरविंद खन्ना पर दांव खेल सकती है। अरविंद खन्ना पिछले दो वर्षों में पूरे संसदीय क्षेत्र का दो बार दौरा कर चुके हैं। गांव-गांव तक अरविंद खन्ना अपनी एनजीओ के माध्यम से काम कर चुके हैं।
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हालांकि, संसदीय उपचुनाव में भाजपा ने पूर्व विधायक केवल सिंह ढिल्लों को उतारा था। केवल सिंह ढिल्लों इस बार भी टिकट के दावेदारों में शामिल हैं। केवल ढिल्लों के अलावा भाजपा नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल और भाजपा नेता व कलाकार होबी धालीवाल भी टिकट की दौड़ में हैं। भाजपा के ऐलान के बाद चुनावी मैदान पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।
विजय इंदर सिंगला चूके
उधर, सुखपाल खेहरा के नाम पर मुहर लगने से पहले स्थानीय कांग्रेसियों का एक बड़ा ग्रुप इंटरनेट मीडिया पर विजय इंदर सिंगला की टिकट फाइनल होने की पोस्टें भी डालता रहा। अपने पिता की बरसी पर सिंगला ने भी शक्ति प्रदर्शन कर यह दिखाने का प्रयास किया था कि वह चुनावी अखाड़े के लिए वह पूरी तरह से तैयार हैं। हालांकि वह कांग्रेस की टिकट पाने में कामयाब न हो सके।