पंजाब में AAP को बड़ा झटका, संगरूर में 8 पार्षदों ने छोड़ी पार्टी
संगरूर में आम आदमी पार्टी की स्थिति कमजोर हो रही है। नगर कौंसिल चुनावों में बहुमत न मिलने और बाद में आठ पार्षदों के इस्तीफे से पार्टी अल्पमत में आ गई है। पार्टी हाईकमान की उदासीनता के चलते कौंसिल में तख्तापलट की तैयारी है, लेकिन प्रधान को हटाने के लिए 21 पार्षदों की एकजुटता जरूरी है। विकास न होने के कारण आजाद पार्षदों ने भी समर्थन वापस ले लिया है।
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संगरूर में आप को झटका, आठ पार्षदों का इस्तीफा। फाइल फोटो
मनदीप कुमार, संगरूर। शहर में आम आदमी पार्टी की स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है। नगर कौंसिल संगरूर चुनाव में आम आदमी पार्टी बहुमत तक पहुंचने में नाकाम रही, वहीं कड़ी जोड़-तोड़ करके नगर कौंसिल पर कब्जा जमाने के महज पांच माह बाद ही आठ आप पार्षदों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
आम आदमी पार्टी के संगरूर में यह हालात तब हैं, जब पंजाब में आप की सरकार होने के साथ-साथ हलका विधायक, पार्टी प्रदेश प्रभारी, नगर कौंसिल प्रधान समेत सभी जगह आप काबिज है।
कौंसिल सीनियर उपप्रधान, उपप्रधान समेत आप के आठ पार्षदों द्वारा पार्टी छोड़ने का सार्वजनिक तौर पर एलान करने के 24 घंटे बाद भी पार्टी हाईकमान ने कोई सुध नहीं ली। बेशक अभी पार्टी स्तर पर पार्षदों के इस्तीफों को मंजूरी नहीं मिली है।
ऐसे में कौंसिल में आप एक बार फिर अल्पमत में पहुंच गई है। नगर कौंसिल प्रधान को कुर्सी से उतारने के लिए यह सारा सियासी षड़यंत्र रचा जा रहा है। इसके बावजूद प्रधान की कुर्सी सुरक्षित है, क्योंकि प्रधान को कुर्सी से उतारने के लिए 21 पार्षदों का एकजुट होना जरूरी है।
पांच आजाद पार्षदों ने थामा था आप का दामन
गौर हो कि नगर कौंसिल चुनाव दौरान आम आदमी पार्टी को सात, कांग्रेस को नौ, दस आजाद, तीन भाजपा को सीटें मिली थी। चुनाव के बाद पांच आजाद पार्षद जगजीत सिंह काला, वार्ड नंबर-पांच से गुरदीप कौर, वार्ड-10 से प्रदीप कुमार पुरी, वार्ड नंबर-22 से अवतार सिंह तारा, वार्ड नंबर-26 से परमिंदर सिंह पिंकी ने आप का दामन थामा, जिससे आप की गिनती 12 तक पहुंच गई।
दो विधायकों समेत दो आजाद पार्षद विजय लंकेश व जसवीर कौर का समर्थन लेकर आम आदमी पार्टी ने 26 अप्रैल को नगर कौंसिल संगरूर का भूपिंदर सिंह नहल को प्रधान घोषित कर दिया था।
कौंसिल प्रधान बदलने को 21 पार्षदों की एकजुटता जरूरी
बता दें कि नगर कौंसिल में 29 पार्षद हैं। सुनाम व संगरूर विधायक के वोट समेत कुल 31 मत हैं। किसी भी प्रधान को बदलने के लिए कम से कम 2 तिहाई का समर्थन जरूरी है। प्रधान को बदलने के लिए 21 पार्षद एकजुट होने चाहिए।
आम आदमी पार्टी के 12 पार्षदों में से आठ ने पार्टी को अलविदा कह दिया है, जिसके बाद आप के पास चार पार्षद रह गए हैं। इन आठ पार्षदों व पांच आजाद पार्षदों के बाद आजाद की गिनती 13 तक पहुंच गई है। नौ पार्षद कांग्रेस के पास हैं। भाजपा के तीन पार्षद हैं।
दो आजाद पार्षदों ने भी समर्थन लिया वापस
वार्ड नंबर-16 से पार्षद विजय लंकेश, वार्ड नंबर-27 से जसवीर कौर ने नगर कौंसिल प्रधान बनाने के लिए अपना समर्थन दिया था, लेकिन आप के आठ पार्षदों द्वारा पार्टी से इस्तीफा दिए जाने के साथ ही उक्त दोनों पार्षदों ने भी अपना समर्थन वापस ले लिया।
उक्त पार्षदों ने कहा कि शहर के विकास की खातिर उन्होंने समर्थन दिया था, लेकिन नगर कौंसिल का गठन होने के बाद भी शहर का कोई विकास नहीं हुआ व न ही समस्याएं हल हुई। लिहाजा वह भी अपना समर्थन वापस लेने को मजबूर हो गए हैं।
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