संगरूर में किसानों को बड़ा मौका, रबी फसलों पर ट्रेनिंग कैंप में मिला प्रोसेसिंग से दोगुनी आय का मंत्र
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा धूरी, संगरूर में रबी फसलों पर जिला स्तरीय किसान प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। किसानों को सरकार की योजनाओं का ल ...और पढ़ें

रबी फसलों संबंधी जिला स्तरीय किसान प्रशिक्षण शिविर का आयोजन (फोटो: जागरण)
संवाद सहयोगी, धूरी (संगरूर)। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा किसानों को रबी फसलों संबंधी जानकारी देने के उद्देश्य से धूरी में जिला स्तरीय किसान प्रशिक्षण शिविर एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
शिविर में संगरूर जिले के विभिन्न गांवों से बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया। शिविर में विशेष अतिथि के रूप में पहुंचे पंजाब लघु उद्योग एवं निर्यात निगम के चेयरमैन दलवीर सिंह ढिल्लों ने किसानों से सरकार की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की।
शिविर का उद्घाटन डिप्टी कमिश्नर राहुल चाबा द्वारा किया गया। शिविर की अध्यक्षता डॉ. जसवंत सिंह निदेशक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पंजाब ने की।
इस अवसर पर डॉ. राजवंत सिंह घुल्ली चेयरमैन मार्केट कमेटी धूरी, डॉ. करणजीत सिंह गिल संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार एवं प्रशिक्षण) व अरुण कुमार संयुक्त निदेशक कृषि (बागवानी) विशेष अतिथियों के रूप में पहुंचे।
चेयरमैन दलवीर सिंह ढिल्लों ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों को कृषि विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशों पर अमल करना चाहिए व खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन, पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन, डेयरी, बागवानी व फूलों की खेती जैसे सहायक व्यवसाय अपनाने चाहिए, ताकि आय में वृद्धि हो सके।
डीसी राहुल चाबा ने शिविर का उद्घाटन करते हुए विभिन्न सेल्फ हेल्प ग्रुपों, सहकारी समितियों व प्रगतिशील किसानों को कृषि के साथ-साथ कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग अपनाने के लिए प्रेरित किया। कृषि आय बढ़ाने के लिए प्रोसेसिंग के साथ-साथ मार्केटिंग कौशल में वृद्धि करना अत्यंत आवश्यक है।
संयुक्त निदेशक कृषि डॉ. गिल ने किसानों कोकहा कि रबी 2025 के लिए खाद, बीज व कीटनाशकों की सरकार द्वारा पुख्ता व्यवस्था की गई है व बुवाई के समय किसी भी कृषि इनपुट की कमी नहीं आने दी जाएगी।
आज की खेती तकनीकी ज्ञान व आधुनिक तकनीकों पर आधारित है। गुणवत्तापूर्ण और अधिक उत्पादन के लिए हाई-टेक खेती अपनानी होगी। डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि जल्द ही पंजाब सरकार द्वारा फसली विविधीकरण के तहत एक प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जा रहा है, जिससे बेहतर विपणन सुनिश्चित किया जाएगा व किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी।
मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. धरमिंदरजीत सिंह सिद्धू ने किसानों को खादों के विवेकपूर्ण उपयोग के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि संगरूर स्थित मृदा परीक्षण प्रयोगशाला से मिट्टी की जांच करवा कर रिपोर्ट के आधार पर आवश्यकता अनुसार ही खादों का प्रयोग किया जाए, जिससे अनावश्यक खर्च से बचा जा सके।
केवीके खेड़ी के इंचार्ज डॉ. मनदीप सिंह ने केवीके द्वारा समय-समय पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों और उन्नत बीजों के महत्व पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथियों द्वारा कृषि एवं सहायक व्यवसाय अपनाने वाले तथा पराली का उचित प्रबंधन करने वाले 120 किसानों व किसान महिलाओं और सेल्फ हेल्प ग्रुपों को सम्मानित भी किया गया।

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