Farmers Protest: डल्लेवाल को मना नहीं पाई पंजाब सरकार, जानिए अब तक क्या-क्या हुआ? दिनभर का पूरा अपडेट
पंजाब में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी कानून की मांग को लेकर आमरण अनशन जारी है। डल्लेवाल को 31 दिसंबर तक चिकित्सा सुविधा देने के आदेश के बावजूद पंजाब सरकार उन्हें मनाने में नाकाम रही है। इस बीच पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट से तीन दिन और देने की मांग कर सकती है। पढ़िए पूरा घटनाक्रम...
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी कानून की मांग को लेकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन सोमवार को 35वें दिन भी जारी रहा। इसी बीच डल्लेवाल को 31 दिसंबर तक चिकित्सा सुविधा देने के आदेश के वाद पंजाब सरकार डल्लेवाल को मनाने में कामयाब नहीं हो पाई है।
ऐसे में मंगलवार को पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट से तीन दिन और देने की मांग कर सकती है। एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को होने वाली सुनवाई को लेकर सरकार चिंतित है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान आस्ट्रेलिया से लौट आए हैं, लेकिन पुलिस और सिविल प्रशासनिक अधिकारियों के बीच यह तय नहीं हो सका है कि इस मामले में क्या करना है। दूसरी तरफ, सोमवार को एक बार फिर सेवानिवृत्त एडीजीपी जसकरण सिंह ने डल्लेवाल से मुलाकात कर उन्हें चिकित्सा सुविधा लेने के लिए मनाने का प्रयास किया। हालांकि, डल्लेवाल ने इससे साफ इनकार कर दिया।
दूसरी तरफ सूत्रों का यह भी कहना है कि किसान आंदोलन को लेकर पंजाब सरकार की ओर से केंद्र सरकार से भी संपर्क साधा जा रहा है, ताकि किसानों की मांगों को लेकर बातचीत शुरू की जा सके। पंजाब सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए जाने वाले जवाब में भी इसका उल्लेख किया गया है।
केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य देने को तैयार थी
पता चला है कि पिछले दिनों आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रधान अमन अरोड़ा की अगुआई में जिन आठ कैबिनेट मंत्रियों और फिर वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने जगजीत सिंह डल्लेवाल से जब मुलाकात की थी तब भी उनके सामने यह मांग रखी गई थी कि वे केंद्र से एमएसपी की मांग को मनवाएं और उनकी बातचीत शुरू करवाएं।
उल्लेखनीय है कि किसान संगठनों और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच फरवरी 2024 में छह दौर की बातचीत हुई थी जिसमें गेहूं, धान आदि के अलावा पांच अन्य फसलों पर भी केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य देने को तैयार थी। उस समय किसान संगठन सभी 23 फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की मांग को लेकर अड़े रहे और बातचीत फेल हो गई।
डल्लेवाल को जबरन उठाने से बच रही सरकार
जून 2024 में केंद्र में नई सरकार आने के बावजूद किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत शुरू नहीं हुई। दूसरी तरफ इस मांग को लेकर किसान शंभू और खनौरी बार्डर पर नौ महीनों से बैठे हुए हैं। अब संघर्ष को तेज करने के लिए पिछले एक महीने से जगजीत सिंह डल्लेवाल खनौरी बार्डर पर अनशन पर बैठे हैं।
उनका स्वास्थ्य दिन ब दिन गिरता जा रहा है जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जताई है। डल्लेवाल को जबरन उठाने से बच रही सरकार दरअसल, अनशन स्थल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल ले जाने नहीं दे रहे हैं। रात को दो हजार से ज्यादा किसान उन पर पहरा दे रहे हैं।
अगर सरकार बलपूर्वक उन्हें ले जाने की कोशिश करती है तो काफी नुकसान हो सकता है। पंजाब सरकार के बार-बार यह दलील देने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं देने के आदेश दे रही है।
'आंदोलन को कुचलने का प्रयास न करे केंद्र व सुप्रीम कोर्ट'
सोमवार को आज पंजाब बंद के संदर्भ में डल्लेवाल ने अपना एक वीडियो संदेश जारी कर केंद्र सरकार के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट को अपील की कि वह सत्याग्रह जैसे उनके आंदोलन को कुचलने का प्रयास न करें। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार के लिए सत्याग्रह जैसे आंदोलन को कुचलना कोई मुश्किल नहीं होता क्योंकि सरकार के पास काफी फोर्स होती है।
किसान नेता ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं को भी ऐसे आर्डर नहीं देने चाहिए। अगर ऐसे ऑर्डर संवैधानिक संस्थाएं देंगी तो लोगों का क्या बनेगा और पब्लिक का शांतमय आंदोलन से विश्वास उठ जाएगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार से अपील की कि वह किसानों और मजदूरों की मांगों को स्वीकार करें क्योंकि यह किसी व्यक्ति विशेष की मांगें नहीं हैं बल्कि जनता की मांगे हैं।
डल्लेवाल की ट्राली को बाकी ट्रालियों से घेरा किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को पंजाब सरकार जबरन न उठा ले, ऐसी स्थिति से निपटने के लिए किसान संगठनों ने जिस ट्राली में डल्लेवाल को रखा गया है, उस ट्राली के इर्द गिर्द अन्य ट्रालियों का घेरा बना दिया है।
डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर की ओर से रविवार रात को की गई अपील के बाद बड़ी संख्या में किसान जिनमें अधिकतर युवा हैं खनौरी पहुंच गए हैं। युवाओं ने इस मोर्चे में एक तरह से सिक्योरिटी और पेट्रोलिंग का जिम्मा संभाल लिया है।
डल्लेवाल को कुछ हुआ तो इसके लिए प्रधानमंत्री जिम्मेदार: पंधेर
अृतसर में पंजाब बंद के दौरान धरना दे रहे किसानों को संबोधित करते हुए संयुक्त किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि खनौरी बार्डर पर 35 दिन से आमरण अनशन पर बैठे जगजीत सिंह डल्लेवाल की स्थिति नाजुक है। उनका बीपी काफी डाउन हो गया है। वह अब बातचीत करने में भी असमर्थ हैं।
ऐसे में अगर डल्लेवाल के साथ कुछ अप्रिय होता है तो इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सीधे तौर से जिम्मेवार होंगे। सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश व किसानों के प्रति नरम रवैया अपनाने के आदेश के बावजूद प्रधानमंत्री सभी फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी कानून नहीं बनाने पर अड़े हुए हैं।
बातचीत से जल्द सकारात्मक परिणाम निकलेंगे: जसकरण सिंह
खनौरी में डल्लेवाल से मिलने पहुंचे सेवानिवृत्त एडीजीपी जसकरण सिंह ने कहा कि डल्लेवाल के कुछ टेस्ट किए जाने की जरूरत है और वे मेडिकल टीम के साथ आए हैं।
चिकित्सा सुविधा संबंधी डल्लेवाल से चर्चा के बारे उन्होंने कहा कि इस बारे में लगातार कोशिश की जा रही है और उन्हें आस है कि इसके सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। इस दौरान उनके साथ पटियाला रेंज के डीआइजी मंदीप सिंह सिद्धू और एसएसपी डॉ. नानक सिंह भी मौजूद रहे।
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