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पंजाब में झील में बह गए 92 करोड़ की परियोजना के सोलर पैनल, PM मोदी ने किया था वर्चुअल उद्घाटन

Punjab News पंजाब में झील में 92 करोड़ की परियोजना के सोलर पैनल बह गए। बिजली उत्पादन के लिए पानी पर स्थापित किए जा रहे फ्लोटिंग सिस्टम के सोलर पैनल नंगल डैम झील में ताश के पत्तों की तरह बह गए। अभी तक पता नहीं चल सका है कि यह कैसे हुआ। सोलर पैनल नैहला गांव से आठ किलोमीटर दूर नंगल तक पहुंच गए हैं।

By Jagran News Edited By: Himani Sharma Updated: Sat, 27 Apr 2024 11:45 PM (IST)
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पंजाब में झील में बह गए 92 करोड़ की परियोजना के सोलर पैनल (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, रूपनगर। पंजाब में भाखड़ा बांध के डाउनस्ट्रीम पर गांव नैहला में विद्युत उत्पादन के लिए फ्लोटिंग सौर परियोजना को शुक्रवार रात बड़ा नुकसान पहुंचा है।

बिजली उत्पादन के लिए पानी पर स्थापित किए जा रहे फ्लोटिंग सिस्टम के सोलर पैनल नंगल डैम झील में ताश के पत्तों की तरह बह गए। अभी तक पता नहीं चल सका है कि यह कैसे हुआ। सोलर पैनल नैहला गांव से आठ किलोमीटर दूर नंगल तक पहुंच गए हैं।

झील के आसपास तैर रहे थे सोलर पैनल

सतलुज जल विद्युत निगम की ओर से बनाई जा रही 92 करोड़ के इस सौर परियोजना का वर्चुअल उद्घाटन चार मार्च को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। शनिवार सुबह जैसे ही झील के आसपास रहने वाले लोग घरों से निकले तो देखा कि जगह-जगह सोलर पैनल तैर रहे थे। नंगल डैम के गेट व आसपास करीब 150 सौर पैनल आकर फंसे हुए हैं। इन्हें निकालने की प्रक्रिया चल रही है। अभी तक पता नहीं चल सका है कि कितने सोलर पैनल पानी में बह गए हैं और नुकसान कितना हुआ है।

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परियोजना का हुआ नुकसान

कयास लगाए जा रहे हैं कि भाखड़ा बांध से अधिक पानी छोड़े जाने के चलते परियोजना को नुकसान हुआ है। यह भी बताया जा रहा है कि उस समय तेज आंधी भी चली थी, पर सौर परियोजना के टूट जाने के पुख्ता कारणों का पता नहीं चल सका हैं।

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सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) के तमाम अधिकारी शनिवार को नंगल डैम झील के किनारों पर जगह-जगह टूटे हुए सोलर पैनलों को एकत्र करते हुए नजर आए। निगम के डिप्टी मैनेजर पुष्कर वर्मा ने बताया कि अभी तक परियोजना के टूटने के कारण पता नहीं चल सके हैं। मामले की जांच की जा रही है।

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