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    नूरपुरबेदी: पीर बाबा जिंदा शहीद सोसाइटी में 3.5 करोड़ के घोटाले का सनसनीखेज खुलासा, विधायक ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 05:29 PM (IST)

    नूरपुरबेदी की पीर बाबा जिंदा शहीद सोसाइटी में साढ़े तीन करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। विधायक दिनेश चड्ढा ने बताया कि 2018 से 2025 तक की बैंक रसीदों और जमा राशि का मिलान करने पर यह गड़बड़ी सामने आई। चढ़ावे की गिनती सरकारी अधिकारियों की मौजूदगी में होती थी। विधायक ने डिप्टी कमिश्नर से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

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    पीर बाबा जिंदा शहीद सोसायटी की जमा राशि में 3.5 करोड़ का घोटाला (फोटो: जागरण)

    संवाद सहयोगी, रूपनगर। लंबे समय से जिला प्रशासन के प्रबंधन में चल रही पीर बाबा जिंदा शहीद सोसाइटी के बैंक खाते में जमा की गई चढ़ावे की राशि और बैंक द्वारा जारी की गई रसीदों का मौजूदा समिति द्वारा मिलान करने के बाद बड़ा घोटाला सामने आया है।

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    इस संबंधी विधायक एडवोकेट दिनेश चड्ढा ने समिति के सदस्यों की मौजूदगी में अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट के जरिए साझा की। उन्होंने बताया कि पवित्र दरबार पर नूरपुरबेदी ही नहीं बल्कि अन्य जिलों और विभिन्न राज्यों से भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में नतमस्तक होने आते हैं। इस कारण यहां हमेशा भारी मात्रा में चढ़ावा प्राप्त होता है।

    लेकिन बीते समय में अधिकारियों और पुरानी समितियों की लापरवाही के चलते कभी भी चढ़ावे की गिनती के लिए सख्त नियम नहीं बनाए गए। इसी कारण पहले भी एक अधिकारी द्वारा गिनती के दौरान पैसे चोरी करने का मामला सामने आ चुका है।अब मौजूदा समिति ने 2018 से 2025 तक की बैंक रसीदों और खाते में जमा राशि का मिलान किया तो लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया।

    चढ़ावे की गिनती सरकारी अधिकारियों और समिति सदस्यों की मौजूदगी में की जाती है। गिनती पूरी होने के बाद पूरी राशि बैंक खाते में जमा होती है और बैंक की ओर से रसीद जारी की जाती है। लेकिन जब 2018 से अब तक की रसीदों और जमा राशि का मिलान किया गया तो यह बड़ा फर्क सामने आया।

    विधायक चड्ढा ने बताया कि इस मामले में उन्होंने तीन दिन पहले ही बैंक अधिकारियों को बुलाकर जांच करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद बैंक अधिकारियों और समिति सदस्यों की बैठक में भी यही अंतर सामने आया। उन्होंने कहा कि यह मामला जिला डिप्टी कमिश्नर के ध्यान में भी लाया गया है और इसकी उच्च स्तरीय जांच होगी। कसूरवार बख्शे नहीं जाएंगे और जो राशि बैंक खाते में जमा नहीं हुई, उसे हर हाल में वापस सोसाइटी के खाते में लाया जाएगा। लोगों के दान का पैसा लोगों के भलाई के लिए ही इस्तेमाल होना चाहिए।