दूध नहीं, सफेद जहर
रुड़की, जागरण कार्यालय : शहर में लोग दूध नहीं बल्कि इसके नाम पर सफेद जहर पी रहे हैं। इस बात की तस्दीक डेयरी विकास विभाग द्वारा लिए गए दूध के नमूनों की जांच में हुई है। बुधवार को शहर में लगे दूध जांच शिविर के पहले दिन ही दूध की जांच की गई तो उनमें से अधिकांश नमूनों में यूरिया, आरारोट, आटा आदि हानिकारक पदार्थ की मिलावट पाई गई। शिविर में कुल 26 लोग दूध के सैंपल लेकर पहुंचे, इनमें 20 सैंपल में तो पानी की मात्रा मिली, जबकि छह सैंपल में अरारोट, आटा, यूरिया आदि होने की पुष्टि हुई है।
दूध को लेकर हर कोई डरा हुआ है। ऐसे में दूध की जांच करने के लिए डेयरी विकास विभाग की ओर से पूरे जिले में 16 से अधिक शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। बुधवार को पहला शिविर रुड़की सिंचाई अनुसंधान संस्थान कार्यालय के समीप लगाया गया। यहां पर दोपहर दो बजे तक कुल 26 लोग अपने दूध का सैंपल लेकर पहुंचे। 20 सैंपल में तो पानी की मिलावट पाई गई। गहनता से छानबीन हुई तो 15 सैंपल ऐसे पाए गए, जिसमें विभिन्न केमिकल की मिलावट होने की पुष्टि हुई। मिलावटी दूध बच्चों की सेहत के लिए तो खतरा है ही अपितु बड़ों के लिए भी हानिकारक है।
दूध जांच शिविर में दुग्ध निरीक्षक सहदेव सिंह पुंडीर, रामानुज त्रिपाठी, मनोज पांडे आदि मौजूद रहे। दुग्ध निरीक्षक ने बताया कि शिविर में आए लोगों को मुफ्त लैक्टोमीटर भी दिए गए। लैक्टोमीटर में शुद्ध दूध की नियत तापमान पर रीडिंग 28 से 30 रहती है। रीडिंग कम होने पर दूध में पानी की मिलावट व अधिक रीडिंग होने अन्य ठोस पदार्थो की मिलावट होती है। दुग्ध निरीक्षक सहदेव सिंह पुंडीर ने बताया कि विभाग की ओर से एक चार पेज की एडवाइजरी भी दी जा रही है, जिसमें दूध में होने वाले मिलावटी पदार्थो के नाम एवं सामान्य रूप से कैसे दूध की जांच घर बैठे करें, इसकी जानकारी दी गई है। उन्होंने बताया कि अब अगला शिविर तीन मार्च को आदर्शनगर में आयोजित किया जाएगा। यह अभियान 28 मार्च तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से लगाए जा रहे जांच शिविर से निश्चित रूप से उन मिलावटी दूध देने वाले विक्रेताओं की पोल खुल जाएगी, जो कि लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। उधर, दूध की घर पर ही जांच होने से दूध कारोबारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है।
ऐसे कर सकते हैं मिलावटी दूध की पहचान
1-मिलावटी दूध का स्वाद कसैला एवं तीक्ष्ण होता है
2-मिलावटी दूध में साबुन जैसी गंध आती है।
3-मिलावटी दूध हाथ से रगड़ने पर झाग उत्पन्न करता है
4-इस दूध को देर तक रखने पर मिलावटी पदार्थो की परत ऊपर जम जाती है, जबकि कुछ पदार्थ नीचे बैठ जाते हैं।
5-मिलावटी दूध को छूने पर हाथ पर छोटे-छोटे कण चिपक सकते हैं।
6-मिलावटी दूध गर्म होने के बाद जब ठंडा होता है, तो उस पर तेल की बूंद तैरती हुई दिखाई देती हैं।
7-मिलावटी दूध को गर्म न करने पर वह काफी समय तक सुरक्षित रहता है, जबकि शुद्ध दूध पांच से छह घंटे में खराब हो जाता है।
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