'ये पंजाब है, पंजाबी में भी होना चाहिए था निमंत्रण पत्र', जत्थेदार ज्ञानी गड़गज ने गुरुद्वारा साहिब के पास स्पीकर लगाने पर की सरकार की आलोचना
तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने शहर और गुरुद्वारा साहिब के पास स्पीकर लगाने पर सरकार की आलोचना की। उन्होंने शहीदी समागमों के निमंत्रण पत्र को पंजाबी में न छापने पर भी नाराजगी जताई और कहा कि पंजाब में निमंत्रण पत्र पंजाबी में ही होने चाहिए। उन्होंने डीसी रूपनगर से बात कर स्पीकर हटवाए।

तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने शहर और गुरुद्वारा साहिब के पास स्पीकर लगाने पर सरकार की आलोचना की ()
जागरण संवादादता, आनंदपुर साहिब\रूपनगर। तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने कहा कि जो सरकार द्वारा शहर और गुरुद्वारा साहिब के निकट स्पीकर लगाने पर एतराज जताया है।
शहीदी समागमों संबंधी अंग्रेजी में दिए नियंत्रण पत्र पर कहा कि सरकार को इतनी समझ होनी चाहिए कि ये पंजाब है इसलिए निमंत्रण पत्र पंजाबी में होना चाहिए।
जत्थेदार गड़गज ने कहा कि उन्होंने डिप्टी कमिश्नर रूपनगर के साथ उन्होंने बात की कि जहां शहीदी समागम हैं, वहां पर ये स्पीकर लगाए जाएं। जिसके बाद प्रशासन ने स्पीकर उतार लिए हैं।

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