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    Punjab Landslide: नंगल के विभोर साहिब में भूस्खलन से 80 घरों पर संकट, लोगों ने डर के कारण छोड़ा गांव

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 08:26 AM (IST)

    नंगल डैम के किनारे बसा विभोर साहिब गांव भूस्खलन के खतरे से जूझ रहा है। गुरु गोबिंद सिंह जी की चरण स्पर्श यह पावन धरती कभी भी सतलुज झील में समा सकती है। भारी बारिश के कारण खतरा बढ़ गया है जिससे 15 परिवार गांव छोड़कर जा चुके हैं। झील के किनारे मिट्टी खिसकने से ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब भी खतरे में है।

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    नंगल के विभोर साहिब में भूस्खलन से 80 घरों पर संकट (Jagran Photo)

    सुभाष शर्मा, नंगल। नंगल डैम की सतलुज झील के किनारे तीखी ढलान पर बसा गांव विभोर साहिब मलवे में तबदील होने के मुहाने पर खड़ा है।

    दशम पिता गुरु गोबिंद सिंह जी की चरण स्पर्श यह पावन धरती भूस्खलन के ऐसे भयावह दौर से गुजर रही है कि कभी भी पूरा गांव झील की गहराइयों में समा सकता है।

    31 अगस्त की मूसलाधार बारिश ने इस खतरे को कई गुना बढ़ा दिया है। हालात इतने भयावह हो चुके हैं कि करीब 15 घरों के लोग अपने मकानों को ताला लगाकर पहले ही गांव छोड़कर जा चुके हैं, जबकि शेष परिवार भी डर के साए में पलायन करने को मजबूर हैं।

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    झील के बिल्कुल किनारे स्थित गांव की मिट्टी खिसकने से पूरा इलाका कभी भी झील में समा सकता है। ग्रामीण बताते हैं कि यहां स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब भी प्रभावित हो रहा है, जो अधिक चिंता का कारण है।

    ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से यहां मजबूत सुरक्षा कार्य की मांग उठाई जा रही है, लेकिन अभी तक ठोस कदम नहीं उठाए गए। फिलहाल मनरेगा के तहत कुछ घरों को बचाने का काम चल रहा है, लेकिन यह भूस्खलन की गति के सामने नाकाफी साबित हो रहा है।