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    नंगल डैम से हरियाणा के लिए पानी छोड़ने की कोशिश, AAP कार्यकर्ताओं ने काटा बवाल, BBMB अध्यक्ष को बनाया बंधक

    Updated: Thu, 08 May 2025 12:01 PM (IST)

    पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर विवाद गहरा गया है। नंगल डैम से पानी छोड़ने की कोशिश पर आप कार्यकर्ताओं ने नंगल डैम पर हंगामा किया है। उन्होंने BBMB अध्यक्ष को बंधक बना लिया है। इस बीच मुख्यमंत्री भगवंत मान भी नंगल बांध पहुंच रहे हैं। आम आदमी पार्टी के कई कार्यकर्ता इस दौरान नंगल में मौजदू हैं।

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    नंगल डैम से हरियाणा के लिए पानी छोड़ने की कोशिश (जागरण संवाददाता फोटो)

    जागरण संवाददाता, रोपड़। पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर जंग जारी है। इस विवाद के बीच जानकारी है कि बुधवार देर रात भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BMBM) के अधिकारी ने डैम का गेट खोलने का प्रयास किया गया। जिसके बाद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता नंगल डैम पहुंचे और जमकर बवाल किया।कैबिनेट मंत्री हरजोत बैंस भी नंगल डैम पर मौजूद हैं।

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    वहीं, खबर है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी नंगल डैम की ओर जा रहे हैं। उनके साथ पंजाब के नए महाधिवक्ता मनिंदरजीत सिंह बेदी भी मौजूद हैं। डैम पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बवाल मचाया है, जहां उन्हें सतलुज गेट पर रोक दिया गया है। इस दौरान नंगल डैम पर पहुंचे भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड के अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बंधक बना लिया है। 

    सतलुज सदन के समक्ष धरने के लिए दरियां बिछा रहे वर्कर (जागरण फोटो)

    डैम का गेट खोलने की हुई कोशिश

    सूत्रों के मुताबिक बीती रात भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड ‌‌(BBMB) के एक अधिकारी ने नंगल डैम से जबरन पानी छोड़ने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

    कैबिनेट मंत्री हरजोत बैंस ने कहा है कि अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी से नंगल डैम से अतिरिक्त पानी छोड़ने का प्रयास करवाया गया है इसलिए उन्होंने घेराव किया। उन्होंने मांग की कि बीबीएमबी अध्यक्ष पर देशद्रोह का मुकदमा चले।

    बीबीएमबी के विश्राम गृह सतलुज सदन में कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैस कर रहे हैं मुख्यमंत्री के पहुंचने का इंतजार- (जागरण फोटो)

    BBMB के कार्यों में नहीं कर सकते हस्तक्षेप

    हालांकि, बुधवार को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा था कि पंजाब सरकार भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के कार्य में हस्तक्षेप नहीं कर सकती। वह भारत सरकार के गृह सचिव की अध्यक्षता में दो मई को हुई बैठक के निर्णय का पालन करे, जिसमें हरियाणा के लिए 4,500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने का फैसला हुआ था।

    'बीबीएमबी के कार्य में हस्तक्षेप न करें'

    यह निर्देश पंजाब एवं हरियाणा के चीफ जस्टिस शील नागु और जस्टिस सुमित गोयल की खंडपीठ ने तीन याचिकाओं पर सुनवाई के बाद दिए। अपने विस्तृत फैसले में हाई कोर्ट ने पंजाब को निर्देश दिया कि वह बीबीएमबी के कार्य में हस्तक्षेप से परहेज करे और केवल सुरक्षा व्यवस्था तक सीमित रहे।

    कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बांध की सुरक्षा के नाम पर उसके संचालन में बाधा डालना स्वीकार्य नहीं है। फैसले में अदालत ने पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड नियम, 1974 का हवाला देते हुए यह स्पष्ट किया कि बीबीएमबी एक केंद्रीय निकाय है और उसका नियंत्रण केंद्र सरकार के अधीन है। किसी भी असहमति की स्थिति में राज्य सरकार को केंद्र के माध्यम से ही आपत्ति दर्ज करनी चाहिए, न कि सीधे हस्तक्षेप करना चाहिए।