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    पंजाब में महिला टीचर ने किया आत्महत्या, नहर से बरामद हुआ शव; स्कूल के दो कर्मचारियों पर केस दर्ज

    Updated: Sun, 03 Aug 2025 09:35 AM (IST)

    नंगल के पास माणकपुर गांव में सरकारी स्कूल की अध्यापिका मानस्वी शर्मा का शव नहर से मिला। 26 जुलाई को उन्होंने सुसाइड नोट लिखकर नहर में छलांग लगा दी थी। सुसाइड नोट में मानस्वी ने स्कूल के दो कर्मचारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। घटना से परिवार में आक्रोश और गांव में शोक है।

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    आत्महत्या करने वाली अध्यापिका का शव नहर से बरामद।

    जागरण संवाददाता, नंगल। शहर से सटे गांव माणकपुर के सरकारी प्राइमरी स्कूल की अध्यापिका मानस्वी शर्मा का शव शनिवार को गंगूवाल क्षेत्र के समीप नहर से बरामद कर लिया गया है। मानस्वी शर्मा गत 26 जुलाई को एक सुसाइड नोट अपने घर छोड़ने के बाद नहर में कूद गई थीं, जिसके बाद से उसकी तलाश की जा रही थी।

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    पुलिस के अनुसार, प्राथमिक जांच में यह आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रहा है। मानस्वी द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में स्कूल में उत्पन्न मानसिक दबाव व कुछ व्यक्तियों द्वारा की जा रही लगातार प्रताड़ना का उल्लेख है, जिससे तंग आकर उन्होंने यह कठोर कदम उठाया।

    उसने अपनी मौत के लिए स्कूल के ही दो कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया है। नंगल थाना प्रभारी सिमरनजीत सिंह ने बताया कि इस संबंध में भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। सुसाइड नोट के आधार पर दो व्यक्तियों को नामजद किया गया है व जांच तेजी से आगे बढ़ रही है।

    उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही पूरे मामले की गहराई तक पहुंचकर सच सामने लाया जाएगा। इस घटना से मृतका के स्वजनों में आक्रोश व्याप्त है। ईटीटी अध्यापिका के पिता राम पाल निवासी गांव पट्टी शिक्षा विभाग से रिटायर हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि स्कूल में मानस्वी को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था, जिससे वह टूट चुकी थीं।

    ग्रामीणों व शहरवासियों में भी इस हृदयविदारक घटना को लेकर गहरा शोक है। बताया जा रहा है कि यह पहला मामला है जब किसी महिला अध्यापिका ने कार्यस्थल पर उत्पन्न हालात से दुखी होकर इस तरह की आत्मघाती कदम उठाया हो। घटना ने सरकारी स्कूलों के माहौल को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

    बता दें कि 26 जुलाई को उक्त अध्यापिका की स्कूटी नहर किनारे खड़ी मिली थी। अध्यापिका की नियुक्ति चार महीने पहले ही उक्त स्कूल में हुई थी।