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    पूर्व मंत्री डा. रमेश दत्त शर्मा का निधन, हजारों लोगों ने भेंट की श्रद्धांजलि

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 30 Jan 2022 11:33 PM (IST)

    पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे पूर्व राज्य मंत्री डा. रमेश दत्त शर्मा (82) का शनिवार रात्रि को रूपनगर में निधन हो गया। रविवार को उनका अंतिम संस्कार कि ...और पढ़ें

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    पूर्व मंत्री डा. रमेश दत्त शर्मा का निधन, हजारों लोगों ने भेंट की श्रद्धांजलि

    संवाद सहयोगी, नूरपुरबेदी : पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे पूर्व राज्य मंत्री डा. रमेश दत्त शर्मा (82) का शनिवार रात्रि को रूपनगर में निधन हो गया। रविवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके संस्कार से पहले पंजाब पुलिस की टुकड़़ी ने उन्हें शस्त्र उल्टा कर सलामी दी। पंजाब विधान सभा के स्पीकर राणा केपी सिंह, विधायक अमरजीत सिंह संदोआ, पंजाब यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बरिदर सिंह ढिल्लों, पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. दलजीत सिंह चीमा, भाजपा नेता इकबाल सिंह लालपुरा, अजयवीर सिंह लालपुरा, किसान नेता दविदर सिंह बाजवा ने उन्हें श्रद्धा के फूल अर्पित किए।नेताओं ने कहा कि जिले ने के स्वच्छ छवि के इमानदार और बेदाग नेता को खो दिया है। इसकी कमी पूरे जिले को खलती रहेगी।

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    इसके उपरांत उनके बड़े पुत्र नरिदर शर्मा और दक्ष दत्त शर्मा ने स्थानीय श्मशानघाट में उन्हें अग्नि भेंट की। इस मौके पर हरमिदर पाल सिंह मिन्हास, जिला कांग्रेस अध्यक्ष अशवनी शर्मा, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष मास्टर जगन नाथ भंडारी, समिति सदस्य नरिदर कुमार, ब्लाक समिति के चेयरमैन प्रेम दास, जिला परिषद सदस्य डा. देस राज अबियाणा, ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष जसवीर सिंह सस्कौर, मधुवन बाटिका स्कूल के एमडी अमित चड्डा, अकाली दल के जिला उपाध्यक्ष एडवोकेट मुनीश पुरी, एडवोकेट मनोहर लाल बैंस, देस राज सैणीमाजरा, चौधरी हुस्न लाल चौहान, डा. राकेश राणा, अशोक वाही व सरपंच पंच व अन्य उपस्थित थे।

    पूर्व राज्य मंत्री डा. रमेश दत्त शर्मा ने नूरपुरबेदी की पंचायत से शुरू किया था अपना राजसी सफर

    मनदीप बाली, नूरपुरबेदी : पंजाब के पूर्व राज्य मंत्री डा. रमेश दत्त शर्मा ने अपना सियासत का सफर नूरपुरबेदी की पंचायत से शुरू किया था। जबकि इस लंबे सफर पर चलते हुए डा. शर्मा पंजाब के राज्य मंत्री बने थे। उन्होंने ब्लाक नूरपुरबेदी जिसे कभी टापू के रूप से जाना जाता था तथा लोग अकसर विशेषकर बरसात के दिनों में परेशानियों से जूझते रहते थे। डा. शर्मा ने इस बड़ी समस्या का स्थाई रूप से समाधान करवाते हुए लोगों को जहां समस्याओं से निजात दिलाई वहीं नूरपुरबेदी को शहरों करे साथ जोड़ने का काम भी किया। डा. रमेश दत्त शर्मा इस हलके (पहले आनंदपुर साहिब बाद में रूपनगर) से दो बार विधायक चुने गए। पहली बार डा. रमेश दत्त शर्मा 1992 में भाजपा के चुनाव निशान पर चुनाव लड़े थे तथा विजेता रहे थे। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया तथा वर्ष 2002 में कांग्रेस के चुनाव निशान पर चुनाव लड़े थे। चुनाव जीता जिसके बाद पंजाब में कांग्रेस सरकार बनी जिसके बेअंत सिंह मुख्यमंत्री बने थे।

    डा. रमेश दत्त शर्मा तेज तर्रार नेता होने के साथ दूरगामी सोच रखने वाले नेता थे व इसी सोच के चलते उन्होंने कांग्रेस का दामन थामते हुए हलके का जमकर विकास करवाया। हलके में पड़ने वाली हर पहाड़ी खड्ड पर पुल व पुलियां डलवाने का कार्य भी डा. रमेश दत्त शर्मा के कार्यकाल में हुआ। मुख्यमंत्री के नजदीकी बनने के बाद उन्होंने बरसात के दिनों में नूरपुरबेदी के विभिन्न गांवों में बड़ी मार मारने वाले बरसाती नाले का भी समाधान करवाया जिसके बाद से नूरपुरबेदी टापू बनना बंद हो चुका है तथा हर दिन आवाजाही सुचारू संभव हुई है। इसके अतिरिक्त उन्होंने कई क्षेत्रों में पानी कमी को पूरा करवाया। इसके बाद कांग्रेस में उठे कलह के दिनों में उनकी पूर्व मुख्यमंत्री बीबी राजिदर कौर भट्ठल के नजदीकी होने के चलते उन्हें अपने मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा था। विशेष बात यह थी कि डा. रमेश दत्त शर्मा ने अपना पूरा जीवन सादगी व आम लोगों से कंधा मिलाते हुए व्यतीत किया। डा. रमेश दत्त शर्मा 2002 में टकसाली कांग्रेसियों के विरोध करने के बावजूद जीतकर सीट कांग्रेस की झोली में डाली थी। आज वो चाहे इस संसार को अलविदा कह गए हैं लेकिन राजसी गलियारों में उनके नाम की गूंज हमेशा रहेगी जबकि हलका रूपनगर विशेषकर नूरपुरबेदी में उन्हें हमेशा याद किया जाता रहेगा।