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    पंजाब में बाढ़ का बढ़ा खतरा, दो साल के बाद भाखड़ा बांध के खोले गए चार फ्लड गेट; 45 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 08:34 AM (IST)

    हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण भाखड़ा बांध का जलस्तर बढ़ने पर बीबीएमबी ने दो साल बाद मंगलवार को चार फ्लड गेट खोले। इससे 45 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया जिसमें से आधा सतलुज दरिया और आधा नहरों में जाएगा। मौसम विभाग के अनुसार 22 अगस्त तक मौसम साफ रहेगा लेकिन 23 से 26 अगस्त तक फिर भारी वर्षा की संभावना है।

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    दो साल के बाद भाखड़ा बांध के खोले गए चार फ्लड गेट (File Photo)

    जागरण टीम, रूपनगर। हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा के कारण भाखड़ा बांध का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) ने दो वर्ष बाद मंगलवार दोपहर बांध के चार फ्लड गेट खोल दिए।

    इनसे करीब 45 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इसमें से आधा पानी सतलुज दरिया व आधा नहरों में छोड़ा जाएगा। मंगलवार को गुरदासपुर में 161.2, फिरोजपुर में 24.5, पठानकोट में 8.5 व बठिंडा में 5.7 मिलीमीटर वर्षा हुई।

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    24 गांवों में हालात खराब

    रावी व उज्ज दरिया का जलस्तर घटने से पठानकोट एवं गुरदासपुर के सीमावर्ती इलाकों में हालात सामान्य होने लगे हैं। कपूरथला में भी ब्यास दरिया का जलस्तर कम होने से थोड़ी राहत मिली है। हालांकि मंड क्षेत्र के प्रभावित करीब 25 से ज्यादा गांवों में स्थिति जस की तस है। मौसम विभाग के अनुसार, 22 अगस्त तक मौसम साफ रहने की संभावना है।

    23 से 26 अगस्त तक फिर भारी वर्षा की संभावना है। रूपनगर के डीसी वरजीत वालिया ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। जलस्तर बढ़ने पर भाखड़ा बांध से पानी छोड़ा जा रहा है, हिमाचल के कैचमेंट एरिया से आने वाले पानी को बांध में जमा करने के लिए अनिवार्य क्षमता तैयार की जा सके।

    हिमाचल में फिर फटा बादल

    हिमाचल प्रदेश में वर्षा, भूस्खलन व बादल फटने से काफी नुकसान हो रहा है। भुभु जोत में बादल फटने से मंडी की चौहारघाटी व कुल्लू जिला की लगवैली में बाढ़ आ गई। पहाड़ी पर बादल फटने से पानी दो भागों में बंट गया।

    इस आपदा से चौहारघाटी, कुल्लू की लगवैली सहित कई गांव प्रभावित हुए हैं। कुल्लू की लगघाटी में आई बाढ़ में दो पुल, दो मकान, तीन दुकानें और एक बाइक बह गए।

    पौंग बांध से 20 अगस्त को ब्यास नदी में 75 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा। मंगलवार को बांध का जलस्तर 1,383.02 फीट पहुंच गया और यह खतरे के निशान से सात फीट दूर है