'पंजाब के साथ यह अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा...', चंडीगढ़ विवाद पर डॉ. दलजीत सिंह चीमा की तीखी प्रतिक्रिया
शिरोमणि अकाली दल के नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने चंडीगढ़ विवाद पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे पंजाब के साथ अन्याय बताया है। उन्होंने केंद्र सरकार पर पंजाब के अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाया और संघर्ष की चेतावनी दी। उन्होंने अन्य विपक्षी दलों की भूमिका पर भी सवाल उठाए।

चंडीगढ़ विवाद पर डॉ. दलजीत सिंह चीमा की तीखी प्रतिक्रिया (फोटो: जागरण)
संवाद सहयोगी, रूपनगर। केंद्र सरकार द्वारा चंडीगढ़ को पूर्ण रूप से अपने अधिकार में लेने के लिए संविधान की धारा 240 में शोध करने के उद्देश्य से 131 वां संशोधन बिल लाने की कोशिश की गई है जोकि अब राजसी क्षेत्रों में मुद्दा बन गया है।
इस मुिद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते शिअद के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व शिक्षा मंत्री ड. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के साथ बड़ा धक्का करने की कोशिश की जा रही है जिसे पंजाब की जनता किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं करेगी।
उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए शिअद द्वारा चंडीगढ़ में कोर कमेटी की आपात बैठक बुलाई गई है जिसमें केंद्र के ऐसे धक्कों को रोकने पर गंभीरता से विचार करने के साथ ठोस फैसला लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हैरानी तो इस बात की है कि केंद्र सरकार उस वक्त पंजाब के साथ धक्का करने की कोशिश करने में लगी है जब सारा देश श्री गुरु तेग बहादुर साहिब की 350 साला शहीदी शताब्दी मना रहा है, विभिन्न राज्यों के साथ साथ विभिन्न शहरों से नगर कीर्तन सजाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि संगत नगर कीर्तनों में शिरकत करते हुए आनंदपुर साहिब सजदा करने आ रही है जबकि ऐसे मौके संगतों एवं पंजाबियों को उम्मीद थी कि केंद्र सरकार गुरु महाराज की शहीदी शताब्दी का सम्मान करते हुए कोई घोषणा करेगी लेकिन केंद्र सरकार पंजाब के साथ धक्का करने में लगी हुई है।
डॉ. चीमा ने कहा कि पंजाब के 32 गांवों को उजाड़ते हुए चंडीगढ़ बसाया गया था जबकि अब उसी चंडीगढ़ को पंजाब से छीनने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इस मौके एसजीपीसी मेंबर परमजीत सिंह लखेवाल और नगर कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह माकड़ विशेष रूप से हाजिर रहे।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।