Updated: Tue, 27 May 2025 10:10 AM (IST)
नंगल में मनदीप कौर नामक महिला ने अपने पति जसपाल सिंह की मृत्यु के बाद जाली वसीयत बनाने का आरोप लगाया है। पुलिस ने तत्कालीन तहसीलदार राम किशन समेत छह लोगों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। महिला ने वसीयत को फर्जी बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
जागरण संवाददाता, नंगल। नंगल उपमंडल के गांव संगतपुर की रहने वाली महिला मनदीप कौर की ओर से उसके पति जसपाल सिंह की मौत के बाद कथित तौर पर फर्जी तरीके से तैयार की गई वसीयत को लेकर उठाई गई जांच की मांग के बाद पुलिस ने नंगल सब डिवीजन के तत्कालीन तहसीलदार राम किशन, संबंधित पटवारी सहित छह लोगों पर धोखाधड़ी व अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
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नया नंगल चौकी इंचार्ज सरताज सिंह के अनुसार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रूपनगर के आदेशों से की गई जांच के बाद हरसा बेला की महिला नछत्तर कौर, कुलवीर सिंह, लिखारी गुरविंदर सिंह, हरविंदर सिंह पर मामला दर्ज किया गया है। अभी तक आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
शिकायतकर्ता महिला के अनुसार उसका विवाह चार नवंबर 2017 को जसपाल सिंह के साथ संपन्न हुआ था और उनके घर 30 जून 2020 को एक पुत्री रहमत कौर का जन्म हुआ। जसपाल सिंह मेहनती व नेकदिल इंसान थे जिन्होंने गांव हरसा बेला में काहलों स्टोन क्रेशर स्थापित किया था। उन्होंने सारी सरकारी मंजूरियां लेकर करोड़ों रुपये की मशीनरी व लगभग दस गाड़ियों के साथ कारोबार शुरू किया था।
यह क्रशर पूरी तरह जसपाल सिंह के नाम पर ही पंजीकृत था। 30 वर्षीय जसपाल को कोई बीमारी नहीं थी व न ही उसने कोई वसीयत की थी। दो फरवरी 2021 को उसके पति जसपाल सिंह की अचानक मौत हो गई। मौत के कुछ समय बाद उसकी सास नछत्तर कौर, जेठ कुलवीर सिंह ने गांव के कुछ अन्य व्यक्तियों गुरविंदर सिंह, परविंदर सिंह पंच व अवतार सिंह नंबरदार के साथ मिलकर कथित जाली व फर्जी वसीयत तैयार करवा दी, जिसकी तारीख 25 दिसंबर 2020 बताई गई है।
शिकायत में कहा गया है कि उक्त बसीयत में दर्शाए गए हस्ताक्षर जाली हैं व वसीयत लिखने वाले गुरविंदर सिंह के नाम से संलग्न अन्य दस्तावेजों में भी वही लिखाई पाई गई है ,जिससे स्पष्ट होता है कि यह पूरी वसीयत किसी और ने फर्जी तरीके से तैयार की है। इस वसीयत के आधार पर ही जायदाद का इंतकाल नंबर 1876 दर्ज किया गया है, जिसे तहसीलदार राम किशन सिंह ने कथित रूप से बिना किसी विधिवत जांच के दर्ज कर दिया।
शिकायतकर्ता ने कहा है कि फर्जीवाड़े के इस पूरे मामले में माल विभाग के तत्कालीन तहसीलदार के साथ-साथ संबंधित पटवारी, खनन विभाग, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व जिला टाउन प्लानर की भी मिलीभगत रही है, जिन्होंने बिना असल दस्तावेजों की पुष्टि किए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कार्रवाई की।
मनदीप कौर ने अपने पति की फर्जी वसीयत की फॉरेंसिक जांच करवाने की मांग की है और कहा है कि वह जांच की समस्त फीस भरने के लिए तैयार है। उन्होंने अपने व अपनी नाबालिग बेटी के कानूनी अधिकारों की रक्षा के लिए पुलिस से अपील की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए व जांच करके उसे न्याय दिलाया जाए।
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