कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की, बोले- अफवाहों पर विश्वास न करें
कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने रूपनगर के निवासियों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है क्योंकि भाखड़ा बांध से अतिरिक्त पानी छोड़ा जा रहा है। निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा है। प्रशासन ने राहत शिविर स्थापित किए हैं और हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं।

जागरण संवाददाता, रूपनगर। कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने अपने विधानसभा हलके श्री आनंदपुर साहिब के दरिया किनारे बसे इलाकों में रहने वाले लोगों को अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों और राहत कैंपों में पहुंच जाएं। उनके लिए वहां सभी सुविधाएं और प्रबंध पूरे किए गए हैं। पंजाब सरकार इस प्राकृतिक आपदा की घड़ी में जनता के साथ खड़ी है।
बैंस ने बताया कि वे पूरी रात नहरों और दरियाओं के कमजोर बंधों को मजबूत करने के मिशन में लगे रहे। नौजवान, यूथ क्लब, पंच, सरपंच, आप वॉलंटियर और कार सेवा वाले जिस तरह तन-मन-धन से लोगों और पशुधन की सुरक्षा में लगे हैं, वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि इस मुश्किल दौर में हमारा धर्म बनता है कि हम अपनी धरती और अपने लोगों का साथ दें।
उन्होंने जानकारी दी कि पिछले कई घंटों से हिमाचल प्रदेश और पंजाब के कई इलाकों में भारी वर्षा हो रही है, जिसके कारण भाखड़ा डैम का जल स्तर 1678 फीट तक पहुंच गया है और खड्डें भी भर गई हैं। डैम से अतिरिक्त पानी छोड़ा जाना है, जो अगले कुछ घंटों में आसपास के गांवों तक पहुंच जाएगा। इसलिए निचले इलाकों में रहने वाले लोग तुरंत राहत कैंपों में पहुंच जाएं। पंच और सरपंच लोगों को जागरूक करें और सहयोग दें।
बैंस ने यह भी कहा कि अफवाहों पर विश्वास न करें। किसी भी सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 87279-62441 पर संपर्क करें। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं और प्रशासन लगातार हालात पर नजर रखे हुए है। पूरी रात जहां भी स्थिति गंभीर थी, वहां बंधों को मजबूत किया गया और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
हरजोत बैंस ने फिर अपील की कि निचले इलाकों के लोग सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं क्योंकि अगले कुछ घंटे सतर्क रहने की आवश्यकता है।
रूपनगर जिला प्रशासन द्वारा सतलुज दरिया के किनारे बसे गांव के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है जो गांव शत्रुघ्न के किनारे पर बसे हैं उन गांव के लोगों के लिए प्रशासन द्वारा पांच गांव में राहत शिविर लगाए गए हैं इन राशियों में लोगों के रहने खाने पीने और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर पूरे प्रबंध किए गए हैं प्रशासन द्वारा भनाम, भलाण, नानगरा, पलासी और सिंहपुर में राहत शिविर बनाए गए हैं।
वहीं भाखड़ा नहर में अलग-अलग जगह पर टूटी स्लैबों की वजह से क्षतिग्रस्त किनारे खतरनाक साबित हो सकते हैं। पैदा हुए गंभीर हालातों से निपटने के लिए गांववासी आएं हैं।
पंजाब मोर्चा के आह्वान पर नूरपुरबेदी के युवाओं ने राहत कार्य तेज कर दिए हैं। आसपास के इलाके में नहर के पानी से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए नहर के टूटे किनारों को मिट्टी से भरें थैलों से भरा जा रहा है। अभी तक चार ट्रालियां थैले मिट्टी के भर कर भाखड़ा नहर के अटारी, ढाडी आदि में टूटते किनारे पर लगाए गए। दो दिन में भाखड़ा नहर के आधा दर्जन किनारे स्लैब धंस गए है और नहर का जलस्तर कम करना पड़ा है।
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