1928 में आज के दिन चालू हुआ था रूपनगर का रेलवे स्टेशन
अरूण कुमार पुरी, रूपनगर रूपनगर वासियों के लिए 28 फरवरी का दिन ऐतिहासिक महत्व रखता है क्योंकि इस दि
अरूण कुमार पुरी, रूपनगर
रूपनगर वासियों के लिए 28 फरवरी का दिन ऐतिहासिक महत्व रखता है क्योंकि इस दिन 87 साल पहले पहली रेलगाड़ी ने रूपनगर के रेलवे स्टेशन पर प्रवेश किया था। हालांकि उसके बाद रूपनगर से आगे कई स्टेशन विकसित हुए व अनेकों गाड़ियां भी चलने लगी हैं लेकिन इन 87 सालों में रेल ट्रैक का विस्तार मात्र सौ किलोमीटर ही संभव हो सका है।
बाक्स
1927 से पहले सर¨हद तक ही था रेलवे ट्रैक
अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान साल 1927 में रूपनगर के रेलवे स्टेशन का निर्माण करवाया गया था। यह स्टेशन दिसंबर 1927 में बनकर तैयार हुआ था। इससे पहले केवल सर¨हद तक ही रेलवे ट्रैक बना हुआ था। रूपनगर के अलावा साल 1927 में फतेहगढ़ साहिब, बस्सी पठाना, मो¨रडा व कुराली के रेलवे स्टेशन भी बनाए गए थे लेकिन इस नए बनाए गए रेल ट्रैक पर सर¨हद से चलकर पहली ट्रेन 28 फरवरी 1928 को रूपनगर के रेलवे स्टेशन पर आई थी।
बाक्स
21 साल बाद हुआ इस रेल ट्रैक का विस्तार -----
रूपनगर के रेलवे स्टेशन का निर्माण होने के 21 साल बाद यानि साल 1948 में आजाद भारत की सरकार द्वारा रूपनगर से आगे रेल ट्रैक का विस्तार नंगल डैम तक करते हुए वहां रेलवे स्टेशन का निर्माण करवाया। हालांकि विस्तार का काम अंग्रेज शासन के दौरान ही शुरू हुआ था लेकिन इसे पूरा आजाद भारत की सरकार ने करवाया। इसके पीछे मुख्य कारण था नंगल के पास निर्माणाधीन भाखड़ा डैम के लिए रॉ मैटीरियल पहुंचाना था। उस वक्त भनुपली, आनंदपुर साहिब, कीरतपुर साहिब, भरतगढ़ तथा घनौली के रेलवे स्टेशन भी बनाए गए थे जबकि रूपनगर तक आने वाली मात्र एक सवारी गाड़ी हिमाचल एक्सप्रेस को नंगल डैम तक बढ़ाया गया था। साल 1998 में रूपनगर-सर¨हद मार्ग पर नगावां स्टेशन का निर्माण हुआ। साथ ही दो पैसेंजर गाड़ियां भी चालू की गई, जिनमें से एक अंबाला तक तो दूसरी सहारनपुर तक चलाई गई।
बाक्स
साल 2003 से फिर शुरू हुआ ट्रैक का विस्तार ---
रेल के प्रति लोगों के बढ़ते रूझान को देखते हुए नंगल डैम से आगे रेल ट्रैक के विस्तार का काम साल 2003 में शुरू किया गया। सबसे पहले साल 2004 के दौरान नया नंगल का स्टेशन बनाया गया। साल 2007 में ऊना (हिमाचल प्रदेश) व साल 2009 में अंब अंदौरा के रेलवे स्टेशन को चालू किया गया। उसके बाद से इस ट्रैक को अंब अंदौरा से तलवाड़ा व मुकेरियां तक बढ़ाने का काम जारी है। रेलवे विभाग व भारत सरकार की योजना के अनुसार इस ट्रैक को मुकेरियां के रास्ते पठानकोट व जम्मू से जोड़ने की योजना है।
बाक्स
रेल ट्रैक का विस्तार हुआ तो गाड़ियों की मांग भी बढ़ी
सर¨हद-रूपनगर-नंगल डैम-ऊना के रास्ते अंब अंदौरा तक रेल ट्रैक बनने के बाद रेलगाड़ियों की मांग भी बढ़ी। आज लोग अनेकों गाड़ियों का लाभ उठा रहे हैं। इन दिनों इस रेल ट्रैक पर चल रही लंबी दूरी की गाड़ियों में सप्ताह में एक दिन कोलकाता तक जाने वाली गुरमुखी एक्सप्रेस, नांदेड़ महाराष्ट्र तक जाने वाली साप्ताहिक नांदेड़ एक्सप्रेस, लखनऊ तक जाने वाली साप्ताहिक एक्सप्रेस, सप्ताह में तीन दिन हरिद्वार तक जाने वाली जन शताब्दी एक्सप्रेस, चंडीगढ़ के रास्ते दिल्ली तक रोजाना जाने वाली जन शताब्दी एक्सप्रेस, रोजाना बरेली तक जाने वाली हिमाचल एक्सप्रेस जबकि इसके अलावा अंबाला व सहारनपुर के लिए रोजाना चलने वाली चार पैसेंजर गाड़ियां शामिल हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।