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    पराली न जलाकर हम पर्यावरण को बचा सकते हैं : शोमिता बिस्वास

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 04 Sep 2021 07:17 PM (IST)

    भारत सरकार की कृषि और किसान कल्याण विभाग की सचिव शोमिता ने दौरा किया

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    पराली न जलाकर हम पर्यावरण को बचा सकते हैं : शोमिता बिस्वास

    संवाद सूत्र, नाभा (पटियाला) : भारत सरकार की कृषि और किसान कल्याण विभाग की सचिव शोमिता बिस्वास ने पटियाला जिला के पराली न जलाने वाले गांव मंडौड़ व अगेती का दौरा किया।

    इस मौके पर उनके साथ मनमोहन कालिया (नोडल अधिकारी सीआरएम) और डा. मुख्य कृषि अधिकारी, पटियाला जसविदरपाल सिंह ग्रेवाल भी उपस्थित थे। केंद्रीय संयुक्त सचिव शोमिता बिस्वास ने किसानों, सहकारी सोसायटी के सदस्यों व नौजवानों से बातचीत की जो पराली प्रबंधन के लिए छोटे व सीमांत किसानों को मुफ्त या बहुत ही मामूली कीमत पर जागरूक करके मशीनरी मुहिया कराते हुए पराली चलाने के जीरो टारगेट को प्राप्त करने में भूमिका निभा रहे है।

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    बिस्वास ने कहा कि यह सचेत रहने का समय है और हमें न केवल वातावरण की तरफ ध्यान देने की जरूरत है, बल्कि स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव के बारे में पता करने की आवश्यकता की जरूरत है। इंजी. मनमोहन कालिया ने धान की पराली के प्रबंधन के लिए मशीनरी की उपयोगिता के बारे में आफ सीजन के दौरान मशीनरी के प्रबंधन पर भी जोर दिया। सीएओ पटियाला डा. जसविदर पाल सिंह ग्रेवाल ने कहा कि कृषि एवं किसान भलाई विभाग किसानों को कृषि में नई उंचाइयां प्राप्त करने में उनकी मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहता है। उन्होंने कहा कि दोनों गांवों में स्थापित सहकारी सभाएं, सीएचसी शानदार काम कर रही है व पराली के प्रभावशाली प्रबंधन के लिए सबसिडी पर कृषि व किसान भलाई विभाग द्वारा अलग-अलग मशीनरी मुहिया कराई जाती है।

    उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से धान के सीजन में पराली जलाने के टारगेट को प्राप्त करने के लिए जागरूकता कैंप लगाए जा रहे है, सबसिडी पर पराली प्रबंधन के लिए मशीनरी मुहिया करवाई जा रही है। गांव अगेती के सरपंच जसदेव सिंह ने बताया कि वह 1997 से अपने खेतों में पराली का प्रबंध कर रहे हैं व टेक्नोलाजी की तरक्की के साथ धान की पराली का प्रबंधन करना अधिक आसान हो गया है।