वाल्मीकि, मजहबी सिख समाज के आरक्षण पर संकट: मट्टू
पटियाला सुप्रीम कोर्ट में पंजाब के मजहबी सिख वाल्मीकि समाज के आरक्षण के मामले पर चल रही सुनवाई को लेकर एक बार फिर पंजाब का माहौल गर्माता जा रहा है।
जेएनएन, पटियाला : सुप्रीम कोर्ट में पंजाब के मजहबी सिख, वाल्मीकि समाज के आरक्षण के मामले पर चल रही सुनवाई को लेकर एक बार फिर पंजाब का माहौल गर्माता जा रहा है। बुधवार डॉ. अंबेडकर कर्मचारी महासंघ, पंजाब के राज्य प्रधान और पंजाब में पिछड़े वर्ग का प्रतिनिधित्व कर रहे डॉ. जतिदर सिंह मट्टू ने मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह का दरवाजा खटकाया है। मुख्यमंत्री पंजाब के ओएसडी पीसीएस राजेश शर्मा को मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र दिया है। जिसमें मट्टू ने पंजाब सरकार से सुप्रीम कोर्ट में मजहबी सिख, वाल्मीकि समाज का पक्ष गंभीरता के साथ रखे जाने की मांग की है।
मट्टू ने कहा कि पंजाब के समूचे वाल्मीकि, मजहबी सिख समाज को 1975 से अनुसूचित जातियों के 50 प्रतिशत आरक्षण में से 12.5 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। वाल्मीकि, मजहबी सिख समाज एजुकेशनल तौर पर बाकी एससी समाज से काफी पिछड़ा हुआ है जिस कारण सरकारी नौकरियों में इस समाज की भागीदारी बहुत कम है, यदि 1975 से इस समाज की भागीदारी के आंकड़े अदालत में दिए जाएं। मट्टू ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि पंजाब सरकार की तरफ से इस केस को लड़ने के लिए तजुर्बेकार वकीलों का पैनल नियुक्त किया जाए और सुप्रीम कोर्ट में मजहबी सिख, वाल्मीकि समाज का पक्ष बढि़या ढंग के साथ रखा जाए।
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