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    प्रभु सिमरन से ही अज्ञानता का अंधेरा होता दूर

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 29 Feb 2020 11:54 PM (IST)

    पटियाला दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा नगर खेड़ा गांव लंग में सात दिवसीय श्री कृष्ण कथा करवाई जा रही है। ...और पढ़ें

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    प्रभु सिमरन से ही अज्ञानता का अंधेरा होता दूर

    जेएनएन, पटियाला : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा नगर खेड़ा, गांव लंग में सात दिवसीय श्री कृष्ण कथा करवाई जा रही है। कथा के तीसरे दिन प्रवचन करते हुए संस्थान के संस्थापक व संचालक गुरु आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी सौम्या भारती ने समस्त धार्मिक ग्रंथों के समन्वय से युक्त श्री कृष्ण के जन्म एवं जीवन की लीलाओं का वर्णन किया।

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    साध्वी ने कहा कि प्रभु का अवतरण धर्म संस्थापना के जिस संदेश को धारण किए हुए है वह हर युग, काल व देश की सीमाओं से परे है। वर्तमान युग की समस्त समस्याओं का निवारण प्रस्तुत करता है। संसार में नाना प्रकार के रोग, शोक, जन्म, मृत्यु इत्यादि में पड़े काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार में अंधे हो चुके मानव को सद्मार्ग पर लाने के लिए प्रभु अवतरित होते हैं। उपद्रव को शांत करने के लिए नित्यधाम से अनुरूप हो कार्य को संपादित करने हेतु जन्म लेते हैं। उन्होंने प्रभु के अवतरण के संबंध में बताते हुए कहा कि प्रभु श्री कृष्ण जगपालक व सृष्टि के नियामक तत्व हैं, जो साकार रूप धारण कर अवतरित होते हैं। निराकार परमात्मा धर्म की स्थापना के लिए साकार रूप धारण करता है। वह प्रत्येक मानव को उसके घट भीतर ही अपने निराकार रूप का साक्षात्कार करवा देते हैं। प्रभु का जन्म रात्रि के समय हुआ, जो हम सबके लिए एक संदेश है कि जब मैं प्रकट होता हूं तो अज्ञान रूप से अंधकार हट जाता है और जब प्रभु का अवतरण हमारे घट में होता है, तो हमारे भीतर का अज्ञान भी मिट जाता है। ज्ञान रूपी प्रकाश प्रकट हो जाता है। प्रभु का जन्म कारागार में हुआ। साध्वी ने बताया कि यह कारागार हमारे मानव तन का प्रतीक है, जिसमें ईश्वर का वास है, लेकिन माया की नींद में सोए होने के कारण हम उनका दर्शन नहीं कर पाते। इसलिए जब तक हम माया के पाश से बाहर नहीं आ जाते तब तक प्रभु दर्शन नहीं हो सकता और दर्शन किए बिना मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो सकती। उन्होंने बताया कि माता देवकी ने अपने घट में जिस प्रकार प्रभु के चतुर्भुज रूप में दर्शन किए ठीक इसी प्रकार हम भी अपने भीतर ऐसा अनुभव पूर्ण सतगुरु की कृपा से कर सकते हैं। इस भव्य कथा में उपस्थित साध्वी बहनों ने सामूहिक प्रभु भजनों का गायन किया। इस अवसर पर मुख्य रूप में हरीष कुमार, राहुल कुमार, दिनेश कुमार, वरिन्द्र कुमार मौजूद रहे।