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अकाली सांसद घुबाया पर सस्‍पेंस, बादल पिता-पुत्र के अलग-अलग बोल

अकाली दल सांसद शेर सिंह घुबाया और उनके बेटे को लेकर सस्‍पेंस कायम है। उनके कांग्रेस की ओर झुकाव की चर्चा है। दूसरी ओर, बादल पिता-पुत्र में घुबाया पर अलग-अलग बोल हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 08 Dec 2016 08:34 AM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2016 09:11 AM (IST)
अकाली सांसद घुबाया पर सस्‍पेंस, बादल पिता-पुत्र के अलग-अलग बोल

जेएनएन, पटियाला। शिरोमणि अकाली दल के सांसद शेर सिंह घुमाया अौर उनके पुत्र को लेकर कयासों का दौर जारी है। चर्चा है कि घुमाया का झुकाव कांग्रेस की आेर है और उनके पुत्र दविंदर सिंह कांग्रेस में शामिल होने की तैयारी में है। इस मामले पर बादल पिता-पुत्र के बाेल जुदा-जुदा लग रहे हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पटियाल जिले के चार स्थानों पर आयोजित संगत दर्शन के दौरान कहा कि घुबाया उनके परिवार के सदस्य हैं। उनसे कोई मतभेद नहीं है। दूसरी अोर, जलालाबाद में सुखबीर बादल ने कहा कि घुबाया की मर्जी है, वह जहां जाना चाहे जाएं।

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सीएम बादल ने जिले में चार स्थानों पर संगत दर्शन किया। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में बादल ने सांसद घुबाया के परिवार की तरफ से जलालाबाद में चलाए जा रहे इंजीनियरिंग कॉलेज पर विजिलेंस छापे के संबंध में कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। घुबाया उनके परिवार के सदस्य हैं। उनके साथ कोई मतभेद नहीं है।

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बादल ने राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सिख गर्मपंथियों को सरबत खालसा करने की अनुमति देने की किसी भी संभावना से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि कुछ मुट्ठी भर स्वयंभू नेता सरबत खालसा करने के नाम पर राज्य के विकास और शांति की प्रक्रिया को पटरी से उतारने व राज्य को काले दौर में धकेलने की साजिश रच रहे हैं। जेलों की सुरक्षा न बढ़ाए जाने पर उन्होंने कहा कि जेलों की सुरक्षा को बढ़ाया जा रहा है, ताकि भविष्य में नाभा जैसी घटना दोहराई न जा सके।

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जत्थेदार गुरचरन सिंह टोहड़ा के पैतृक गांव टोहड़ा और अनाज मंडी में मुख्यमंत्री बादल ने कहा कि एसवाईएल का मुद्दा शुरू करना कांग्रेस पार्टी की देन है। इंदिरा गांधी, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खुद जाकर एसवाईएल नहर बनवाई थी। इस कारण पंजाब के शांतिमय माहौल में विघ्न पड़ा। राज्य में पानी का जितना भी नुकसान हुआ, वह कांग्रेस की सरकार की समय हुआ है। अब पंजाब की अकाली-भाजपा सरकार ने एसवाईएल की जमीन वापस कर दी है और अब यह मुद्दा नहीं रहा।


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घुबाया की मर्जी जहां जाना चाहें जाएं : सुखबीर

उधर जलालाबाद (फाजिल्का) में उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने सांसद घुबाया के कांग्रेस में जाने की चर्चाओं पर कहा कि उन्हें इसके बारे में कुछ पता नहीं है। घुबाया अपनी सोच के मालिक हैं, जहां चाहे जा सकते हैं। एक सवाल के जवाब में सुखबीर ने कहा कि पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए तिथि की घोषणा के बाद शिअद का चुनाव घोषणा पत्र भी जारी कर दिया जाएगा। इस बाबत गठित सीनियर नेताओं की टीम काम कर रही है।

चुनाव प्रचार के दौरान भगवंत मान द्वारा इस्तेमाल की जाती भद्दी शब्दावली संबंधी पर उन्होंने कहा कि लोग आम आदमी पार्टी एवं उसके नेताओं को सबक सिखाएंगे और मान सहित आप उम्मीदवारों की जमानतें जब्त हो जाएंगी।

पर्दे के पीछे चल रहा है खेल

बता दें कि कई दिनों से चर्चा चल रही है कि घुबाया के बेटे दविंदर सिंह कांग्रेस ज्वाइन करेंगे। पहले बताया गया कि वह दिल्ली में मंगलवार को कांग्रेस में शामिल होंगे, लेकिन वह वहां नहीं पहुंचे। बताया जाता है कि इसका कारण दबाव और मान-मनौव्वल का खेल है। बताया जाता हैकि इसको लेकर घुबाया पिता-पुत्र पर अकाली दल का भारी दबाव है। दूसरी ओर, कांग्रेस से सूत्रों का कहना है कि घुबाया कांग्रेस से दो सीटें मांग रहे थे, जबकि एक धड़े का कहना है कि सरकार के दबाव में घुबाया के बेटे ने कांग्रेस में आने से मना कर दिया।

राहुल ने लगाई रोक

इस बीच यह भी बात सामने आई है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने घुबाया की एंट्री पर यह कह कर रोक लगा दी कि पिता अकाली दल में और बेटा कांग्रेस में। इससे पंजाब में संदेश अच्छा नहीं जाएगा। आम आदमी पार्टी पहले ही यह आरोप लगा रही है कि पंजाब में अकाली दल और कांग्रेस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।


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