राज्य में 1247 जगह जली पराली
सरकार की तरफ से किसानों को जागरूक करने समेत नाड़ के सही निस्तारण के सुविधाएं मुहैया करवाने के बावजूद नाड़ जलाने के केसों में कमी नहीं आई।

जागरण संवाददाता, पटियाला : सरकार की तरफ से किसानों को जागरूक करने समेत नाड़ के सही निस्तारण के सुविधाएं मुहैया करवाने के बावजूद नाड़ जलाने के केसों में कमी नहीं आई। एक अप्रैल से चार मई तक राज्य में गेहूं की नाड़ जलाने के कुल 9518 केस सामने आ चुके हैं, वहीं पिछले वर्ष 31 मई, 2021 तक राज्य में गेहूं की नाड़ जलाने के कुल 10 हजार 100 मामले सामने थे। हालांकि इस वर्ष फिलहाल पिछले वर्ष के मुकाबले नाड़ जलाने के मामले कम हैं, लेकिन जिस रफ्तार से मामले बढ़ रहे हैं उससे जल्द ही यह मामले पिछले साल के मुकाबले बढ़ जाएंगे। इसी के तहत बुधवार को राज्य में 1247 मामले सामने आए थे। इसका असर हवा की गुणवत्ता पर भी पड़ रहा है। हालांकि बारिश के कारण हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, लेकिन नाड़ जलाने की निरंतर सामने आ रही घटनाएं गंभीर चिता का विषय हैं। छात्रों के जरिए जागरूकता फैलाए सरकार : चेयरमैन
पीपीसीबी चेयरमैन डा. आदर्शपाल विग ने कहा कि बढ़ रहे मामले चिंताजनक हैं। विभाग की तरफ से जहां किसानों को जागरूक करने के विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं अब छात्रों के जरिए किसानों को जागरूक करने संबंधी कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि बिगड़ रहा पर्यावरण गंभीर चिता का विषय है। इसके लिए सरकार को छात्रों के जरिए किसानों को जागरूक करना चाहिए।
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