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    Patiala: मौत का कारण बनी आर्थिक तंगी, इलाज न होने के कारण बेटे ने गंवाई जान; पिता ने घर में ही दफना दिया शव, ऐसे हुआ खुलासा

    By Jagran NewsEdited By: Himani Sharma
    Updated: Sat, 09 Dec 2023 10:42 AM (IST)

    पटियाला में आर्थिक तंगी मौत का कारण बन गई। इलाज न होने से बेटे की तीन दिसंबर को मौत हो गई। विडंबना यह कि सब कुछ पता होने के बावजूद पड़ोसियों ने भी परिवार की मदद नहीं की। इसमें सबसे दुखद पहलू यह रहा कि आर्थिक तंगी के कारण पिता ने घर में ही तीन फीट गहरा गड्ढा खोदकर बेटे के शव को उसमें ही दफना दिया।

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    इलाज के अभाव में बेटे की मौत, पिता ने घर में ही दफना दिया शव (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, पटियाला। पैसे के अभाव में एक पिता अपने बेटे का इलाज नहीं करवा पाया। इलाज न होने से बेटे की तीन दिसंबर को मौत हो गई। विडंबना यह कि सब कुछ पता होने के बावजूद पड़ोसियों ने भी परिवार की मदद नहीं की। इसमें सबसे दुखद पहलू यह रहा कि आर्थिक तंगी के कारण पिता ने घर में ही तीन फीट गहरा गड्ढा खोदकर बेटे के शव को उसमें ही दफना दिया। उस पर एक चादर भी डाल दी।

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    युवक की बहनों ने दी जानकारी

    छह दिन से घर से दुर्गंध आ रही थी, लेकिन पड़ोसियों ने यह तक जानने की कोशिश नहीं की आखिर दुर्गंध किस चीज की आ रही है। युवक की बहनों ने जानकारी दी तो रिश्तेदार घर पहुंचे और पुलिस को बुलाया। इसके बाद पुलिस ने बडूंगर क्षेत्र की जय जवान कालोनी में एक घर के कमरे में दफन किशोर का शव निकलवाया। शव काफी सड़ चुका था।

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    पत्नी की भी मानसिक स्थिति खराब

    किशोर की पहचान 17 वर्षीय अव्वल के रूप में हुई है। हालांकि, शव को बिना पोस्टमार्टम करवाए ही परिवार को ही सौंप दिया गया। इसके बाद उसका संस्कार करवाया गया। सिविल लाइन थाने के प्रभारी हरजिंदर सिंह ढिल्लों ने बताया कि फिलहाल इस संबंध में कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है।

    जानकारी के मुताबिक भगवान दास अपत्नी और एक बेटे व दो बेटियों के साथ जय जवान कालोनी स्थित एक कच्चे मकान में काफी समय से रह रहा है। उसकी पत्नी की भी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है।

    काफी दिनों से था बीमार

    अव्वल भी बचपन से ही मानसिक रूप से परेशान था। पिछले कुछ समय से वह काफी बीमार चल रहा था। इस सदमे में भगवान दास की भी मानसिक स्थिति खराब हो गई है। अव्वल की बहनें 10वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ती हैं। वे बाहर काम कर परिवार का पालन-पोषण भी करती हैं। दोनों बहनों ने ही अपने मामा और मौसी को भाई की मौत और शव को घर में दफनाने की बात बताई।

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    उधर, इलाका निवासियों के अनुसार, छह दिन से जब भी वह अव्वल के घर के बाहर से गुजरते थे तो दुर्गंध आती थी। कुछ दिन तो सोचा कि शायद किसी कारण से दुर्गंध आ रही है, लेकिन जब रिश्तेदारों ने आकर अव्वल के बारे में उसके पिता से पूछा तो सच सामने आया।