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    Farmers Protest: दिल्ली कूच करेंगे शंभू बॉर्डर पर बैठे किसान, SC आदेश के बाद बेनतीजा रही दूसरी बैठक

    शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पर धरने पर बैठे किसानों के साथ हरियाणा-पंजाब के पुलिस अधिकारियों ने बैठक की। लेकिन सु्प्रीम कोर्ट के आदेश पर पांच दिन में दूसरी बैठक में भी किसानों को अधिकारी नहीं मना पाए और ये दूसरी बैठक भी बेनतीजा साबित रही। इसके साथ ही किसान बोले कि वे अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ ही दिल्ली कूच करेंगे।

    By Jagran News Edited By: Deepak Saxena Updated: Sun, 25 Aug 2024 10:32 PM (IST)
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    SC आदेश के बाद बेनतीजा रही किसान और अधिकारियों की दूसरी बैठक (फाइल फोटो)।

    जागरण संवाददाता, पटियाला। शंभू बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों को मनाने का पंजाब और हरियाणा के पुलिस अधिकारियों का प्रयास विफल रहा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पांच दिन में रविवार को दूसरी बार पुलिस अधिकारियों ने किसानों के साथ बैठक की, लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं हैं।

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    किसान इस बात पर अड़े रहे कि वे अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को नहीं छोड़ेंगे और इन्हीं से दिल्ली कूच करेंगे। एक घंटे तक चली इस बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई। पुलिस लाइन में एडीजीपी (इंटेलिजेंस) जसकरण सिंह और एआइजी संदीप गर्ग के अलावा पटियाला के डीसी व एसएसपी और हरियाणा के अंबाला जिले के एसपी और एसडीएम किसानों से बैठक करने के लिए पहुंचे।

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    किसानों की ओर से सरवण सिंह पंधेर सहित अन्य नेता बैठक के लिए पहुंचे। बैठक में अधिकारियों ने किसान नेताओं से कहा कि वे दिल्ली कूच के लिए ट्रैक्टर-ट्रालियां लेकर न जाएं और शंभू बार्डर को आंशिक तौर पर खोलने दें। इस पर किसान नेताओं ने कहा कि वे तो पहले दिन से ही बॉर्डर खोले जाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन, ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लेकर जाना उनकी जरूरत है। वे इन्हें नहीं छोड़ सकते।

    केंद्र प्रस्ताव भेजे तो बातचीत के लिए तैयार

    बैठक के बाद सरवण सिंह पंधेर और काका सिंह कोटड़ा ने कहा कि वे गत 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। केंद्र सरकार के साथ चार दौर की बैठक कर चुके हैं और अब भी बैठक करने को तैयार हैं। यह तभी संभव है जब केंद्र सरकार कोई प्रस्ताव भेजे। पंधेर ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट को बताना चाहिए कि पंजाब में कानून-व्यवस्था का कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन के दौरान ऐसी स्थिति पैदा नहीं हुई थी।

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