Road Safety Patiala: आरटीए बबनदीप सिंह बाेले-ट्रैफिक नियमों के प्रति लापरवाही बनती है दूसरों के लिए खतरा
Road Safety पटियाला के आरटीए बबनदीप सिंह ने दैनिक जागरण के सड़क सुरक्षा अभियान के तहत बातचीत करने के दौरान कहीं। लोगों को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए। इससे उनके साथ-साथ दूसरों को भी सुरक्षित रखा जा सकता है।
बलविंदरपाल सिंह, पटियाला। Road Safety: हर वर्ष सैकड़ों लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा देते हैं। इसके लिए कहीं न कहीं लोगों द्वारा ट्रैफिक नियमों के प्रति बरती जा रही लापरवाही ही जिम्मेवार है। देखा जाए तो पिछले दो साल में 800 से ज्यादा लोग सड़क हादसों का शिकार होकर अपनी जान गंवा चुके हैं। इसका खमियाजा पीड़ित परिवार आज भी भुगत रहे हैं।
यह बातें आरटीए बबनदीप सिंह ने दैनिक जागरण के सड़क सुरक्षा अभियान के तहत बातचीत करने के दौरान कहीं। लोगों को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए। इससे उनके साथ-साथ दूसरों को भी सुरक्षित रखा जा सकता है। दैनिक जागरण ने सड़क सुरक्षा नियमों में आरटीए दफ्तर की बनती जिम्मेदारी से संबंधित उनसे सवाल किए।
सवाल : सड़कों पर घूम रहे अनफिट वाहनों को हटाने के लिए क्या कार्रवाई की गई है?
मैं और एटीओ शाम लाल खुद सड़कों पर नाका लगाकर इन अनफिट वाहनों के चालान करते हैं। इन वाहनों को सड़क से हटाने के लिए मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर की जिम्मेदारी लगाई गई है। जो वाहन सड़कों पर चलने योग्य नहीं है, की इंस्पेक्टर द्वारा पासिंग नहीं की जा रही। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि ऐसे अनफिट वाहन सड़क पर न उतर पाएं। पासिंग न होने पर वाहन की इंश्योरेंस भी नहीं होती। इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस समय-समय पर इन वाहनों पर कार्रवाई करती रहती है।
सवाल : ज्यादातर स्कूली बसें, आटो या फिर छोटे वाहन अनफिट चल रहे हैं, क्या इन पर कोई कार्रवाई की गई?
सेफ स्कूल वाहन पालिसी के तहत कमेटी बनी हुई है। इस कमेटी में आरटीए दफ्तर, ट्रैफिक पुलिस, बाल सुरक्षा अफसर व प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं। यह कमेटी समय-समय पर स्कूलों में जाकर चेकिंग करती है और अनफिट मिलने पर स्कूल प्रशासन को तुरंत वाहन हटाने के निर्देश भी देती है। इसके अलावा जो वाहन सड़क सुरक्षा नियम पूरे नहीं करते, उनका चालान करके जुर्माना भी वसूला जाता है। इसके अलावा एटीओ द्वारा नाकाबंदी कर स्कूली वाहनों की चेकिंग करके कार्रवाई की जाती है।
सवाल : कुछ ड्राइविंग स्कूल खटारा वाहनों के साथ लोगों को ड्राइविंग सिखा रहे हैं, क्या इन पर कार्रवाई की गई?
ड्राइविंग स्कूल का लाइसेंस करीब तीन साल बाद रिन्यू किया जाता है। लाइसेंस रिन्यू करने के साथ स्कूल में प्रशिक्षण देने के लिए प्रयोग किए जा रहे वाहनों की चेकिंग भी की जाती है। फिलहाल ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया, जहां कोई स्कूल खटारा वाहनों से प्रशिक्षण दे रहा है। अगर कोई ऐसा करता है तो तुरंत उस स्कूल पर विभागीय नियमों अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
सवाल : ड्राइविंग स्कूल ड्राइविंग का प्रशिक्षण दे रहे हैं, पर ट्रैफिक नियमों की जानकारी क्यों नहीं देते?
जिन ड्राइविंग स्कूलों को प्रशिक्षण देने का लाइसेंस जारी किया जाता है, में विशेष भूमिका मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर की होती है। इंस्पेक्टर द्वारा समय-समय पर इसकी चेकिंग की जाती है। ड्राइविंग का प्रशिक्षण देने के साथ-साथ ट्रैफिक नियमों की जानकारी देना भी अनिवार्य है। अगर कोई इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी होगी। इसकी जांच करने के लिए इंस्पेक्टर को निर्देश भी जारी किए जाएंगे। ताकि ड्राइविंग स्कूलों पर नजर रखी जा सके।
सवाल : सड़कों के किनारे खड़े ओवरलोड वाहनों पर क्या कार्रवाई हो रही है?
सड़कों के किनारे खड़े होने वाले ओवरलोड वाहनों का चालान करके उन्हें इलाके के संबंधित थाने में जब्त कर दिया जाता है। साथ ही भारी भरकम जुर्माना भी किया जाता है ताकि संबंधित ट्रक आपरेटर दोबारा गलती न करे। अगर दोबारा फिर से गलती करता है तो उसे दोगुना जुर्माना किया जाता है।
सवाल : लोग ट्रैफिक नियम न तोड़ें और सुरक्षित रहे, इसके लिए आपका कोई संदेश
लोगों को चाहिए कि वह ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने से पहले ट्रैफिक नियमों की जानकारी लेने के साथ-साथ ड्राइविंग का प्रशिक्षण जरूर लें ताकि अगर कोई व्यक्ति ट्रैफिक नियम तोड़े तो उसे अपनी गलती का खुद अहसास हो। इससे हम अपने सहित दूसरों को भी सुरक्षित रख सकते हैं। नियम को तोड़ने वालों पर ट्रैफिक पुलिस को भी सख्ती करनी चाहिए ताकि व्यक्ति दोबारा गलती करने से पहले कई बार सोचे।