Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एक महीने में बेकाबू अपराध, राजपुरा के SHO किरपाल सिंह पर गिरी गाज; हुए निलंबित

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 06:26 PM (IST)

    राजपुरा में बढ़ते अपराधों के कारण एसएचओ किरपाल सिंह को निलंबित कर दिया गया है। अपराध नियंत्रण में विफलता के चलते उच्च अधिकारियों ने यह फैसला लिया। एक महीने में अपराधों की संख्या में वृद्धि देखी गई, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।

    Hero Image

    पटियाला में अपराध नियंत्रण में लापरवाही के चलते राजपुरा के एसएचओ किरपाल सिंह मोही को निलंबित कर दिया गया (फोटो: जागरण)

    प्रेम वर्मा, पटियाला। पटियाला जिले में क्राइम कंट्रोल करने में लगातार लापरवाही बरतने व फेल होने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही जारी है। जुल्का थाना प्रभारी के बाद अब थाना सिटी राजपुरा के एसएचओ पर पटियाला एसएसपी ने कार्यवाही की है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सिटी राजपुरा एसएचओ इंस्पेक्टर किरपाल सिंह मोही को क्राइम कंट्रोल में फेल होने पर सस्पेंड कर पुलिस लाइन भेज दिया गया है। बीते एक महीने के दौरान सिटी राजपुरा इलाके में अपराध की लगातार वारदाते हो रही थी, जिसमें बड़ी वारदात फायरिंग की घटना व धोखाधड़ी के अलावा लूट की वारदात शामिल थी।

    यही नहीं पूर्व जीआरपी एएसआई से धोखाधड़ी के मामले में तो डीजीपी आफिस में भी कंप्लेंट की गई थी। इन शिकायतों के बाद सिटी राजपुरा प्रभारी इंस्पेक्टर किरपाल सिंह को हटा दिया और उनकी जगह पर इंस्पेक्टर गुरसेवक सिंह को पदभार सौंपा गया है। इंस्पेक्टर गुरसेवक सिह ने चार्ज संभाल लिया है और वह इससे पहले सदर राजपुरा में बतौर इंचार्ज तैनात थे।

    राजपुरा सरहिंद रोड स्थित ढाबे पर 14 नवंबर को शाम 7:15 बजे ढााबा मालिक पर तीन अज्ञात युवकों ने फायरिंग की थी। फायरिंग के दौरान जख्मी पारस सिंह के चचेरे भाई लखविंदर सिंह निवासी भारतीय कॉलोनी राजपुरा की शिकायत पर केस दर्ज हुआ था।

    लखविंदर सिंह के अनुसार उसके चचेरे भाई का जीटी रोड पर ढाबा है जहां पर वह किसी काम से गया था। जहां पर उसने देखा कि चाचा मनजीत कुमार के बेटे पारस सिंह पर कुछ लोग फायरिंग कर रहे थे।

    फायरिंग करने वाले बाइक सवार तीनों लोग उन्हें देखते ही मौके से फरार हो गए। फायरिंग की इस घटना के चार दिन बाद भी पुलिस आरोपित काबू नहीं कर पाई और घटना वाली रात भी एसएचओ द्वारा कार्यवाही में लापरवाही बरती गई थी और समय रहते एक्शन नहीं लिया गया।

    78 वर्षीय सुभाष चंद्र ने आरोप लगाते हुए बताया था कि वह जीआरपी पटियाला से बतौर एएसआई रिटायर हुए थे। पांच नवंबर को उनका एटीएम कार्ड बदल कर दो युवकों ने 80 हजार रुपए निकाल लिए थे।

    एसएचओ ने पहले कहा कि पैसे मिल जाएंगे कंप्लेंट न करें, जिसके बाद अचानक मुकरते हुए कहा कि एफआईआर दर्ज करनी होगी, आरोपित की पहचान नहीं हो पाई। इस टालमटोल में 10 दिन निकाल दिए थे, जिस वजह से डीजीपी आफिस के पोर्टल पर शिकायत की थी। एसएचओ की लापरवाही की वजह से उनका पैसा वापिस नहीं मिल पाया और न ही आरोपित पकड़े गए थे।

    सिटी राजपुरा इलाके में आटो चालकों को एक कार सवार गैंग रात के समय लूटता रहा और यह घटना सितंबर व अक्टूबर महीने के दौरान हुई हुई। इस गैंग ने तीन से चार वारदातें की थी और सीआईए स्टाफ ने इन्हें काबू किया।

    एसपी डी गुरबंस सिंह बैंस ने कहा कि सिटी राजपुरा प्रभारी इंस्पेक्टर किरपाल सिंह मोही क्राइम कंट्रोल में सफल नहीं हो पा रहे थे। लगातार हो रही वारदातों व कारगुजारी में लापरवाही पाए जाने पर उन्हें सस्पेंड कर दिया है। उनकी जगह नए एसएचओ को तैनात कर इलाके की दोबारा से मानीटरिंग करने के लिए कहा ताकि ला एंड आर्डर में कोई कमी न रहे।