Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पंजाब में 40 फीसदी कम जली पराली फिर भी खतरनाक स्तर पर AQI, डॉक्टरों ने लोगों के लिए जारी की एडवाइजरी

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 11:08 AM (IST)

    पंजाब में पराली जलाने का सिलसिला जारी है, जिससे कई शहरों की हवा जहरीली हो रही है। सोमवार को जालंधर, खन्ना और पटियाला का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 से ऊपर रहा, जबकि मंडी गोबिंदगढ़ का 409 दर्ज किया गया। पराली जलाने के 256 नए मामले सामने आए हैं, जिससे कुल मामले 2,518 तक पहुंच गए हैं। सरकार ने कार्रवाई तेज कर दी है और जुर्माना लगाया जा रहा है।

    Hero Image

    फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, पटियाला। सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख और सरकार की सख्ती के बावजूद पंजाब में पराली जलाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। खेतों में जल रही पराली का धुआं राज्य के कई हिस्सों की हवा को जहरीला बना रहा है। सोमवार को राज्य के कई शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) खतरनाक स्तर पर दर्ज किया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जालंधर, खन्ना और पटियाला का अधिकतम एक्यूआइ 300 से ऊपर रहा, जोकि बेहद खराब श्रेणी में आता है, जबकि मंडी गोबिंदगढ़ का एक्यूआइ 409 दर्ज किया गया, जोकि गंभीर श्रेणी में है।

    विशेषज्ञों के अनुसार, इस स्तर का प्रदूषण आम लोगों के लिए तो हानिकारक है ही, यह बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए अत्यंत खतरनाक साबित हो सकता है। पराली का धुआं हवा में महीन कण (पीएम 2.5 और पीएम 10) की मात्रा बढ़ा रहा है।

    इससे आंखों में जलन, खांसी, सांस लेने में दिक्कत और अस्थमा जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। डाक्टरों का कहना है कि प्रदूषण से बचने के लिए लोगों को मास्क का उपयोग करना चाहिए।

    पराली जलाने के 256 नए मामले, आंकड़ा 2,518 तक पहुंचा

    राज्य में सोमवार को पराली जलाने के 256 नए मामले दर्ज किए गए। इसके साथ ही सीजन के दौरान अब तक कुल 2,518 मामले दर्ज हो चुके हैं, जोकि पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 40 प्रतिशत कम हैं।

    पिछले वर्ष 15 सितंबर से तीन नवंबर तक राज्य में पराली जलाने के 4,132 मामले थे। पिछले छह दिनों से संगरूर में पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।

    सोमवार को भी यहां सबसे अधिक 61 मामले सामने आए। अब तक कुल 467 मामलों के साथ संगरूर राज्य में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है, जबकि तरनतारन 471 मामलों के साथ राज्य में पहले स्थान पर है। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार अभी भी राज्य में लगभग 15 प्रतिशत रकबे में धान की कटाई बाकी है।

    सख्त कार्रवाई, फिर भी जारी लापरवाही

    सरकार की ओर से पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। निगरानी के लिए राज्य में आठ हजार कर्मचारियों व अधिकारियों की फौज तैनात है लेकिन फिर पराली जल रही है। पराली जलाने के मामले में अब तक 590 एफआइआर दर्ज की गई है। अब तक किसानों पर कुल 47.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। 22 लाख पांच हजार की वसूली भी की जा चुकी है। इसके साथ ही 841 किसानों की जमीनों की रेड एंट्री की गई है।