Punjab News: दशहरे के दिन पराली जलाने से रोकना होगा प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती, इन 10 जिलों पर खास नजर
पंजाब में धान की कटाई के साथ पराली जलाने का क्रम भी जारी है। सबसे बड़ी चुनौती दशहरा के दिन पराली जलाने की घटनाओं को रोकना होगा। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) के चेयरमैन डॉ. आदर्शपाल विग ने बताया कि कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के निर्देशों के तहत राज्य में अधिक पराली जलाने वाले दस जिलों कमी लाने को काम किया जा रहा है।

जागरण संवाददाता, पटियाला। पंजाब में धान की कटाई के साथ पराली जलाने का क्रम भी जारी है। सबसे बड़ी चुनौती दशहरा के दिन पराली जलाने की घटनाओं को रोकना होगा। जानकार बताते हैं कि दशहरा के त्योहार पर पुतलों के दहन और आतिशबाजी की आड़ में किसान पराली अधिक जलाते हैं।
अब तक लगभग दो हजार मामले आए सामने
इससे हर वर्ष दशहरे पर पराली जलाने के मामलों में काफी वृद्धि दर्ज की जाती है। हालांकि पिछले दो वर्षों की तुलना में इस वर्ष अब तक पराली जलाने के मामले काफी कम हैं। 23 अक्टूबर तक पराली जलाने के 1,946 मामले सामने आए हैं। इसी अवधि में वर्ष 2022 में 4,598 और 2021 में 6,058 मामले थे।
जहां तक दशहरे के दिन का सवाल है तो बीते वर्ष इस दिन पांच अक्टूबर को पराली जलाने के 130 मामले आए थे। इससे कुछ दिन पूर्व एक अक्टूबर को 45, दो अक्टूबर को 83, तीन अक्टूबर को 75 और चार अक्टूबर को 65 मामले सामने आए थे। 15 अक्टूबर. 2021 को दशहरा के दिन पराली जलाने के कुल 660 मामले सामने आए थे, जबकि 14 अक्टूबर, 2021 तक पराली जलाने के 1,286 मामले सामने आए थे।
पराली जलाने के मामले आधे करने के प्रयास
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) के चेयरमैन डॉ. आदर्शपाल विग ने बताया कि कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के निर्देशों के तहत राज्य में अधिक पराली जलाने वाले दस जिलों अमृतसर, फिरोजपुर, तरनतारन, संगरूर, पटियाला, बठिंडा, मानसा, मोगा, बरनाला में 50 प्रतिशत कमी लाने को काम किया जा रहा है।
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