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    आम घरों के बच्चे भी बनेंगे पायलट, सब्सिडी और आरक्षण के तहत मिलेगी ट्रेनिंग; सीएम भगवंत मान ने की घोषणा

    Updated: Sat, 20 Dec 2025 02:38 PM (IST)

    पंजाब सरकार आम और जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को पायलट बनने के सपने को साकार करने में मदद कर रही है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पटियाला एविएशन क्लब ...और पढ़ें

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    आम घरों के बच्चे को मिलेगी पायलट बनने की ट्रेनिंग (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, पटियाला। पंजाब सरकार आम और जरूरतमंद परिवारों के बच्चों के सपनों को नई उड़ान दे रही है, ताकि गांवों से आने वाले बच्चे भी अब आसमान में उड़ान भर सकें। यह बात मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पटियाला एविएशन क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। यह कार्यक्रम पटियाला एयरक्राफ्ट एंड मेंटेनेंस कॉलेज (PAMEC) द्वारा आयोजित किया गया था। 

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    सब्सिडी के तहत दी जा रही ट्रेनिंग

    मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण ले रहे पायलटों से बातचीत करते हुए कहा कि निजी एविएशन क्लबों में जहां इस तरह के कोर्स 40 से 45 हजार रुपये में कराए जाते हैं, वहीं पटियाला स्थित सरकारी एविएशन क्लब में यह प्रशिक्षण सब्सिडी के तहत मात्र 22 से 25 हजार रुपये में उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे यह साफ है कि अब गांवों और साधारण परिवारों के बच्चे भी पायलट बनने का सपना पूरा कर सकते हैं।

    ₹7 करोड़ की लागत से बनेगा म्यूजियम 

    मुख्यमंत्री ने बताया कि पटियाला के संगरूर रोड पर स्थित महारानी क्लब परिसर में एविएशन क्लब में करीब 7 करोड़ रुपये की लागत से एक म्यूजियम भी बनाया जाएगा, जहां विंटेज विमान, हेलीकाप्टर और एविएशन से जुड़ी अन्य ऐतिहासिक सामग्री प्रदर्शित की जाएगी।

    SC-OBC वर्ग को 33 प्रतिशत आरक्षण

    मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि एविएशन से जुड़ी शिक्षा और प्रशिक्षण में एससी और ओबीसी वर्ग के छात्रों के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण विशेष रूप से रखा गया है। उन्होंने प्रशिक्षण ले रहे छात्रों को मेहनत और लगन से पढ़ाई करने, आगे बढ़ने और अपने माता-पिता के सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया।

    पिछली सरकारों पर लगाए गंभीर आरोप

    उन्होंने कहा कि 253 एकड़ में फैले इस एविएशन क्लब को पहले की सरकारों ने नजरअंदाज किया था। इसे प्राइवेट कंपनियों को सौंपने के प्रस्ताव भी आए, लेकिन पंजाब सरकार ने इसे निजी हाथों में देने के बजाय स्वयं संचालित करने का फैसला लिया, ताकि जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को सीधा लाभ मिल सके।