Punjab: मालवा में पराली जलाने के बढ़े मामले, पटियाला व संगरूर भी शामिल; अमृतसर में पराली जलाने का आंकड़ा एक हजार के पार
पंजाब (Punjab) के पटियाला में धान की कटाई में तेजी आने के साथ मालवा क्षेत्र में भी पराली जलाए जाने के मामले में तेजी देखने को मिली है। इस बार 28 अक्टूबर तक राज्य में पराली जलाने के 4186 मामले सामने आ चुके हैंउससे पहले साल 2021 में 28 अक्टूबर तक पराली जलाने के केसों की संख्या 7503 थी। बारिश के कटाई में हो रही देरी के कारण हो रहा है। अगले दस दिन में मामले बढ़ेंगे।

जागरण संवाददाता, पटियाला। राज्य में धान की कटाई में तेजी आने के साथ माझा के बाद मालवा क्षेत्र में भी पराली जलाए जाने के मामले बढ़ने लगे हैं। राज्य में पराली जलाने के कुल मामले 4186 हो गए हैं। अमृतसर में पराली जलाने के कुल मामले एक हजार से पार होकर 1003 हो गए हैं।
जबकि 513 मामलों के साथ तरनतारन दूसरे, 507 मामलों के साथ पटियाला तीसरे और 359 मामलों के साथ सीएम का जिला संगरूर चौथे स्थान पर है। 24 अक्टूबर से लगातार पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी हो रही थी। हर दिन नया रिकार्ड बन रहा था।
24 को 360, 25 को 398, 26 को 589 और 27 अक्टूबर को 766 पराली जलाने के मामले रिपोर्ट हुए। यहां संतोष की बात यह अवश्य है कि लगातार चार दिन बाद शनिवार को पराली जलाने के मामलों में कमी दर्ज की गई और शनिवार को केवल 127 मामले ही रिपोर्ट हुए।
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28 अक्टूबर तक राज्य में पराली जलाने के 4186 मामले
हालांकि इस बार 28 अक्टूबर तक राज्य में पराली जलाने (stubble burning) के 4186 मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन यह पिछले साल 28 अक्टूबर तक राज्य में आए कुल मामलों से आधे से भी कम हैं। पिछले वर्ष इस अवधि तक 10,214 मामले आए थे।
2021 में 28 अक्टूबर तक पराली जलाने के केसों की संख्या 7503
उससे पहले साल 2021 में 28 अक्टूबर तक पराली जलाने के केसों की संख्या 7503 थी। इस तरह पिछले दो सालों के मुकाबले इस बार राज्य में पराली जलने के केस काफी कम हैं। अब दशहरे के बाद दिवाली पर भी पटाखों की आड़ में पराली जलाई जा सकती है।
दस दिन में मामले बढ़ने की आशंका
अगले दस दिनों में और बढ़ेंगे मामले अजयवीर जाखड़ ने ट्वीट करके दावा किया कि राज्य में पराली जलाने के मामलों में पिछले सालों के मुकाबले आधे केस होने का दावा किया जा रहा है, जबकि यह बारिश के कटाई में हो रही देरी के कारण हो रहा है। अगले दस दिन में मामले बढ़ेंगे।
वहीं उन्होंने एक्स पर डाली पोस्ट में दावा किया कि यह भी चर्चाएं है कि पराली जलाने के मामलों में कमी लाने के लिए तैनात अधिकारी किसानों को चार बजे के बाद पराली जलाने की सलाह दे रहे हैं, ताकि डाटा सेटेलाइट में रिकार्ड न हो सके।

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