Punjab Air Pollution: पंजाब में सांसों पर संकट, पराली के साथ पटाखों की दोहरी मार; 500 पार पहुंचा AQI
पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि के कारण राज्य के कई शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) खराब स्थिति में पहुंच गया है। दीपावली के दौरान पटाखे चलाने और पराली जलाने से अमृतसर जालंधर और लुधियाना का एक्यूआइ 500 तक पहुंच गया। राज्य में पराली जलाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और अब तक 3537 मामले सामने आ चुके हैं।

गौरव सूद, पटियाला। राज्य सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद राज्य में पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं के साथ ही शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) भी खराब स्थिति में पहुंचने लगा है।
वीरवार व शुक्रवार को दीपावली को पटाखे चलाने और इसकी आड़ में पराली को आग लगाने के कारण अमृतसर, जालंधर और लुधियाना का एक्यूआइ एक समय 500 तक पहुंच गया। इस हवा में अगर स्वस्थ व्यक्ति भी सांस लेता है तो उसके लिए खतरनाक स्थिति हो सकती है।
बता दें कि राज्य में शुक्रवार को भी कई शहरों में कुछ लोगों की ओर से दीपावली मनाई गई, ऐसे में एक्यूआइ और बढ़ने की आशंका है। वहीं, वीरवार, शुक्रवार को पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी दर्ज की गई।
राज्य में पराली जलाने के वीरवार को 484 और शुक्रवार को 587 मामले सामने आए, जोकि इस सीजन में एक दिन में पराली जलने के सबसे ज्यादा मामले हैं। राज्य में पराली जलाने के अब तक 3,537 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि दो दिन में ही इसमें 30 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है।
पराली की घटनाओं के 2466 मामले आए सामने
बता दें कि राज्य में धान की कटाई 15 सितंबर से शुरू हुई है और तीस अक्टूबर तक 46 दिन में राज्य में पराली जलाने के कुल 2,466 केस सामने आए थे और दो दिन में ही 1,071 नए केस सामने आ गए। दूसरी तरफ पिछले वर्षों के मुकाबले इस वर्ष पराली जलाने की घटनाओं में कमी भी दर्ज की गई है।

पंजाब में पराली जलाने के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने में नाकाम रहने पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई गई। इसके बाद पंजाब सरकार व पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) की ओर से पराली जलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है, इसके बावजूद किसान पराली को लगातार आग लगा रहे हैं।
AQI बेहद खराब स्थिति में पहुंचा
कई जिलों में एक्यूआइ बेहद खराब स्थिति में पहुंच गया है। राज्य में अब तक पराली जलाने के मामलों में 26,87,500 जुर्माना किया है। इसमें से 25,27,500 रुपये जुर्माना वसूला गया है। 1,588 खिलाफ एफआइआर भी दर्ज की जा चुकी हैं। हालांकि, पराली जलाने के मामले पिछले वर्षों के मुकाबले काफी कम हैं। एक नवंबर 2022 में पराली जलाने के 17,846, 2023 में 9,594 व 2024 में 3,537 केस आए हैं।

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