पंजाब की ओबाहवा में घुला धीमा 'जहर', दूसरे दिन भी 500 पार रहा AQI
पंजाब के ओबाहवा शहर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार दूसरे दिन 500 के पार रहा, जिससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। प्रशासन प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने की तैयारी कर रहा है और लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

पंजाब: ओबाहवा में प्रदूषण का कहर, AQI 500 के पार
जासं, पटियाला। पंजाब में दीवाली के बाद प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। लगातार दूसरे दिन एक्यूआइ का स्तर 500 तक पहुंच गया। सोमवार को दीवाली के बाद मंगलवार को बंदी छोड़ दिवस की रात पटाखों के धुएं से प्रमुख शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। जालंधर और अमृतसर का एक्यूआइ जहां 500 के पार रहा, वहीं लुधियाना का एक्यूआइ 419 तक पहुंच गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के तय मानकों मुताबिक यह गंभीर श्रेणी है। इस हालात में खुले में सांस लेना साधारण व्यक्ति के लिए भी बेहद खतरनाक माना जाता है। अधिकांश शहरों में हवा की गुणवत्ता रात 11 बजे के बाद अधिक प्रभावित हुई। हालांकि, पराली जलाने के मामलों में कमी से कुछ राहत मिली है।
मंगलवार को राज्य में 62 स्थानों पर पराली जलाई गई। राज्य में इस बार से अब तक पराली जलाने के 415 केस आए हैं जोकि पिछले वर्ष की तुलना में 70 प्रतिशत कम है। पिछले वर्ष 15 सितंबर से 21 अक्टूबर के बीच राज्य में पराली जलाने की 1,510 घटनाएं हुई थीं। अब तक तरनतारन में सबसे अधिक 136 और अमृतसर में 120 मामले सामने आए हैं।
राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में आई गिरावट को सरकार की सख्ती और प्रयासों का परिणाम माना जा रहा है। डीजीपी गौरव यादव और विशेष डीजीपी (कानून-व्यवस्था) अर्पित शुक्ला इस कार्रवाई की निगरानी कर रहे हैं।

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