पटियाला में PRTC कर्मचारियों ने दिया धरना, वेतन नहीं मिलने से थे नाराज; दो घंटे तक बस स्टैंड बंद कर जमकर किया विरोध
पीआरटीसी कर्मचारियों ने वेतन न मिलने पर प्रदर्शन किया जिससे बस सेवा बाधित हुई। पटियाला बस स्टैंड पर धरना दिया गया और बसों का चक्का जाम किया गया। यूनियन ने 19 जून को राज्यव्यापी चक्का जाम की चेतावनी दी है। सरकार पर पीआरटीसी का 600 करोड़ रुपये बकाया है जिससे कर्मचारियों को वेतन और पेंशन का भुगतान करने में कठिनाई हो रही है।
जागरण संवाददाता, पटियाला। पंजाब रोडवेज पनबस पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के बैनर तले मंगलवार को पीआरटीसी कर्मचारियों ने आधा महीना बीत जाने के बावजूद वेतन न मिलने के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया।
यह रोष प्रदर्शन सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक चला, जिसके चलते पीआरटीसी की बस सेवा दो घंटे के लिए ठप रही और यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सबसे बड़ा धरना पटियाला के नए बस स्टैंड पर आयोजित किया गया, जहां कांट्रैक्ट कर्मचारियों ने गेट बंद कर बस अड्डे को जाम कर दिया।
हालांकि, पीआरटीसी के प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर गेट खुलवाए और निजी तथा अन्य सरकारी बसों की आवाजाही बहाल की गई। बावजूद इसके, जिन रूटों पर पीआरटीसी की सेवाएं सबसे अधिक हैं, वहां दो घंटे के दौरान यात्री लंबे समय तक बसों का इंतजार करते रहे और निजी बसें ठसाठस भरकर चलती रहीं। उधर दूसरी तरफ मैनेजमेंट के साथ यूनियन की मीटिंग हुई, लेकिन पूरी तरह से असफल रही। जिसके चलते यूनियन ने अब 19 को चक्का जाम करने का एलान कर दिया है।
19 को राज्य भर में चक्का जाम की चेतावनी
पीआरटीसी यूनियन नेताओं सहजपाल सिंह और सुल्तान सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि 17 जून तक भी वेतन नहीं मिला, जिसके विरोध में पूरे पंजाब के बस स्टैंडों पर दो घंटे का प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कहा कि इस दौरान अधिकारी मीटिंग से भी बचते नजर आए, जिससे नाराज होकर यूनियन ने 19 जून को राज्यभर में बसों का चक्का जाम करने का ऐलान कर दिया है।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि 18 जून की शाम तक सभी बसों को डिपो में खड़ा कर दिया जाएगा और लगभग 7,000 कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे। इसके बाद 24 जून को राज्य के सभी डिपो गेटों पर रैलियां की जाएंगी, 30 जून को पीआरटीसी मुख्यालय के बाहर धरना और 9, 10, 11 जुलाई को पूरे पंजाब में तीन दिन तक पूर्ण बस सेवा बंद करने का एलान किया है।
यूनियन नेता सहजपाल सिंह ने बताया कि सरकार की तरफ पीआरटीसी का करीब 600 करोड़ रुपए बकाया है। इसमें से 500 करोड़ रुपए महिलाओं के निशुल्क बस सफर का बकाया है, जबकि 100 करोड़ अन्य कैटेगरी के बकाया हैं। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने बजट में पीआरटीसी के लिए सिरफ 450 करोड़ रुपए ही रखे हैं और इतने कम पैसों में तो कर्मचारियों के वेतन और पेंशन का भुगतान भी मुश्किल है।
इन रूटों पर प्रभावी हुई बस सेवा
सुबह दस बजे से दोपहर 12 बजे तक प्रदर्शन के कारण उन रूटों पर यात्रियों को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ी। जिन पर केवल पीआरटीसी की ही बस सेवा है। इनमें मुख्य तौर पर पटियाला-राजपुरा, नाभा, चंडीगढ़, देवीगढ़, चीका-कैथल, घड़ाम, पिहोवा, अंबाला, मलेरकोटला, पातड़ा और समाना शामिल हैं।
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