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    पटियाला डीसी की गाड़ी अटैच, ऑफिस में लगे AC-पंखे उठाने लगी कोर्ट की टीम तो मची अफरा-तफरी; विभाजन से जुड़ा है मामला

    Updated: Thu, 17 Apr 2025 11:06 PM (IST)

    भारत-पाकिस्तान विभाजन के 77 साल बाद पटियाला में एक परिवार ने अपनी खोई हुई जमीन के लिए सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़ाई लड़ी। अदालत के आदेश के बावजूद जमीन वापस नहीं मिली तो कोर्ट ने डीसी दफ्तर सहित कई सरकारी कार्यालयों के सामान को अटैच करने का आदेश दिया। एडीसी ने अब याचिकाकर्ताओं को सोमवार तक का समय दिया है।

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    डीसी की गाड़ी सहित कमिश्नर दफ्तर, एसडीएम, तहसील दफ्तर का सामान अटैच।

    जागरण संवाददाता, पटियाला। भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के 77 वर्ष बीत चुके हैं, पर जख्म अभी नहीं भरे। बंटवारे के बाद अपनी खोई जमीन के लिए पटियाला एक परिवार ने 77 वर्ष तक लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़ाई लड़ी। जमीन सरकार ने बेच दी थी। कोर्ट ने पटियाला प्रशासन को जमीन लौटाने या पैसे देने का आदेश दिया था।

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    जब आदेश का पालन नहीं हुआ तो वीरवार को कोर्ट की टीम डीसी दफ्तर, कमिश्नर दफ्तर, एसडीएम दफ्तर और तहसील दफ्तर में लगे एसी, पंखे, कुर्सियां, टेबल, वाटर कूलर, अलमारी व अन्य सामान उठाने पहुंच गई। इससे अधिकारियों में अफरा-तफरी मच गई।

    समझाने के लिए पुलिस अधिकारी भी बुलाए गए, पर कोर्ट के निर्देश देखकर लौट गए। इसके बाद एडीसी ईशा सिंगल ने टीम व याचिकाकर्ताओं से बातचीत की। याचिकाकर्ता इस बात को लेकर अड़े रहे कि सभी दफ्तरों का सामान उतारने के लिए कोर्ट के निर्देश हैं। एडीसी ने टीम व याचिकाकर्ताओं को सोमवार का समय दिया। अब सोमवार को इन दफ्तरों का सामान अटैच किया जाएगा।

    यह था मामला

    याचिकाकर्ता कमाल अहमद ने बताया कि उनके पारिवारिक की सदस्य कनीज फातिमा वर्ष 1947 से पहले यहां पटियाला के गांव झिल में रहती थीं। बंटवारे के बाद उन्हें गांव छोड़ना पड़ा और मालेरकोटला जिले में रहने लगीं। माहौल ठीक होने के बाद वह गांव झिल में अपनी जमीन ढूंढ़ने पहुंचीं तो पता चला कि सरकार ने जमीन बेच दी। इसके बाद परिवार ने जमीन लेने के लिए कोर्ट में अपील की। 2008 में फातिमा की मौत हो गई। 2014 में लोअर कोर्ट ने जमीन लौटाने का फैसला सुनाया।

    डीसी की गाड़ी इस केस में अटैच कर दी

    इसके बाद प्रशासन ने हाई कोर्ट में अपील की। हाई कोर्ट ने भी लोअर कोर्ट के फैसले पर मुहर लगाई तो मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने भी 2023 में उनके हक में फैसला सुनाते हुए जिला प्रशासन को उस लेवल की जमीन या फिर मौजूदा मार्केट रेट के हिसाब से पैसे देने का फैसला सुनाया है। चार महीने पहले मामले में लोअर कोर्ट ने डीसी की गाड़ी इस केस में अटैच कर दी।

    साथ ही डीडीपीओ की गाड़ी, डीसी दफ्तर, कमिश्नर दफ्तर, एसडीएम दफ्तर और तहसील दफ्तर के एसी,पंखे,कुर्सियां,टेबल,वाटर कूलर और अलमारी तक को अटैच करने के निर्देश जारी किए। इन निर्देशों पर ही वीरवार को वह कोर्ट टीम के साथ डीसी दफ्तर में कार्रवाई कराने के लिए पहुंचे थे। फिलहाल अटैच डिप्टी कमिश्नर डा. प्रीति यादव की गाड़ी (पीबी 11CZ-6002 ) को शेड के नीचे कवर डालकर खड़ा कर दिया गया है। वीरवार को डीसी ने एक अन्य इनोवा गाड़ी का इस्तेमाल किया। एडीसी ईशा सिंगल ने कहा कि कोई कोर्ट केस का मामला है। याचिकाकर्ताओं को सोमवार का समय दिया गया है।