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    पुलिस-प्रशासन की लापरवाही से पटियाला में भंग हुआ ला एंड आर्डर

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 01 May 2022 12:15 AM (IST)

    खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च निकालने वाले हरीश सिगला की इस गतिविधि के बारे में पटियाला पुलिस को पहले से ही जानकारी थी।

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    पुलिस-प्रशासन की लापरवाही से पटियाला में भंग हुआ ला एंड आर्डर

    प्रेम वर्मा, पटियाला : 'खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च' निकालने वाले हरीश सिगला की इस गतिविधि के बारे में पटियाला पुलिस को पहले से ही जानकारी थी। दूसरी तरफ इस मार्च के खिलाफ खालिस्तान समर्थक बरजिदर सिंह परवाना ने एसएसपी से मिलकर मांगपत्र सौंप इंटरनेट मीडिया पर इसका प्रचार किया। एसएसपी व आइजी के नोटिस में उक्त गतिविधियां पहुंच चुकी थीं, बावजूद इसके पुलिस अधिकारियों की लापरवाही की वजह से खालिस्तान समर्थकों की भीड़ श्री काली माता मंदिर तक पहुंची, दोनों गुटों पर पथराव हुए। यही नहीं इस दौरान खालिस्तान समर्थकों ने मंदिर के दरवाजे व दुकानों पर तलवारों से हमला भी किया। नंगी तलवारें लहराते हुए खालिस्तान समर्थक गुरुद्वारा श्री दुखनिवारण के बाहर से पैदल चलते हुए मंदिर तक पहुंचे, इस दौरान पुलिस बल साथ में रहा, लेकिन उन्हें रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। उक्त लापरवाही की वजह से जिले के छह पुलिस अधिकारी बदलने के बाद पूरे घटनाक्रम की पूरी रिपोर्ट बनाकर सीएम भगवंत मान को सौंपी जानी है।

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    पुलिस ने माना मास्टरमाइंड परवाना था

    हरीश सिगला के मार्च व खालिस्तान समर्थकों द्वारा इसके विरोध की घोषणा किए जाने के बाद पटियाला पुलिस से दोनों गुटों ने मुलाकात की थी। बावजूद इसके किसी भी गुट ने शांति कायम रखने को पहल नहीं दी और फैसले पर अड़े रहे। बरजिदर सिंह परवाना को पुलिस निगरानी में रखा था लेकिन शुक्रवार बाद दोपहर वह पैदल ही खालिस्तान समर्थकों को संबोधित करते हुए मौके पर पहुंचे, जिसके बाद भीड़ उग्र हो गई। आइजी मुखविदर सिंह छीना ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड बरजिदर सिंह परवाना था, जिन्होंने भीड़ इकट्ठी करने के बाद इन्हें भड़काते हुए मंदिर तक पहुंचाया। वहीं दूसरी तरफ बरजिदर सिंह परवाना हिसक घटना के बाद खालिस्तान समर्थकों द्वारा फव्वारा चौक जाम करते ही मौके से बाइक पर सवार होकर निकल गए। पुलिस व प्रदर्शन कर रहे खालिस्तानी समर्थकों के बीच बैठक के दौरान परवाना बाइक पर मुंह लपेटकर जाते हैं, जिसकी वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई। नए अधिकारियों ने शांति बहाल करवाई

    घटनाक्रम के बाद शहर में फैल रही हिसक भावना को तुरंत काबू कर लिया गया। नए पुलिस अधिकारियों ने चार्ज संभालते ही शांति का माहौल बनने की जानकारी दी। शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान डिवीजनल कमिश्नर चंद्र गैंद, आइजी, एसएसपी, डीसी साक्षी साहनी सहित अन्य अधिकारियों ने बताया कि माहौल शांतमय हो चुका है, फिलहाल सुरक्षा इंतजामों में कोई कमी नहीं की जाएगी। सुरक्षा इंतजाम में फेल रही पुलिस ने जिदगी भी दांव पर लगाई

    शुक्रवार को दो गुटों द्वारा मार्च करने के दौरान हुई हिसा को रोकने के लिए पटियाला पुलिस पूरी तरह से फेल हुई थी। हालांकि मौके पर कुछ पुलिस अधिकारियों ने हिसक घटना के दौरान जान की परवाह न करते हुए भड़के हुए लोगों को शांत करने व हिसा रोकने के लिए पुरजोर कोशिश भी की थी। डीएसपी मोहित अग्रवाल ने मंदिर के अंदर घुसने वाले खालिस्तानी समर्थकों को रोकने के अलावा प्रसाद की दुकान पर बैठे व्यक्ति पर तलवार से हमला करने वालों को रोकने में अपनी भूमिका निभाई नहीं। वहीं मौके पर मौजूद एसएसपी नानक सिंह ने भी पथराव के बीच में खालिस्तानी समर्थकों को रोकने की कोशिश की लेकिन पुख्ता इंतजाम न होने की वजह से वह भी सफल नहीं हो पाए। इन लापरवाहियों की वजह से हिसा भड़की

    1. गुरुद्वारा साहिब के बाहर इकट्ठा हुए खालिस्तानी समर्थकों को रोकने की कोशिश नहीं हुई।

    2. नंगी तलवारें लहराते हुए इन समर्थकों के साथ-साथ पुलिस चलती रही लेकिन सीनियर अधिकारियों ने बैरीकेडिग के निर्देश नहीं दिए।

    3. पुलिस के हवाई फायरिग को महज नुमाइश बताते हुए निहंगों ने भंगड़ा डाला लेकिन हिसा नहीं रुकी।

    4. दोनों गुटों द्वारा खालिस्तान मुर्दाबाद व समर्थन की घोषणा की जानकारी होने के बावजूद रोकने के लिए पुलिस कार्रवाई नहीं की गई।

    5. इंटेलीजेंस रिपोर्ट के अनुसार नंगी तलवारें लेकर मंदिर तक पहुंचने की सूचना के बाद वाटर कैनन, दंगा रोकने वाली पुलिस फोर्स को योजनाबद्ध तरीके से तैनात नहीं किया गया।

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