पर्यावरण संरक्षण की 'जोत' जला रही एकमजोत
कोरोना के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या एक दम बढ़ने से मरीजों के लिए आक्सीजन तक उपलब्ध नहीं थी।

जागरण संवाददाता, पटियाला : कोरोना के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या एक दम बढ़ने से मरीजों के लिए आक्सीजन तक उपलब्ध नहीं थी। ऐसे में आक्सीजन की कमी के चलते लोगों को जान गंवाते देख पटियाला के भूपिंदरा इंटरनेशनल स्कूल की चौथी कक्षा में पढ़ने वाली आठ वर्षीय एकमजोत कौर ने पौधारोपण मुहिम की शुरूआत की। जिसके चलते करीब एक वर्ष के दौरान एकमजोत ने न सिर्फ 1200 के करीब पौधे लगाए, बल्कि उनकी संभाल करने के साथ-साथ शहरवासियों को भी इस मुहिम में शामिल किया। एकमजोत की इस उपलब्धि के चलते उनका नाम एशिया और इंडिया बुक आफ रिकार्ड में नाम दर्ज हो चुका है। इसके साथ ही एकमजोत कौर को ग्लोबल किड्स अचीवर अवार्ड 2021 से भी सम्मानित किया गया है, जिसमें विश्व भर से 150 बच्चों का चयन किया जाता है। चरण बाग निवासी एकमजोत कौर के पिता अमनदीप सिंह और माता इशू गिल ने कहा कि उनकी बेटी ने पटियाला और पंजाब का नाम रोशन किया है। एकमजोत अपने स्कूल में होने वाले डेक्लामेशन कांटेस्ट में हर बार पर्यावरण संरक्षण को लेकर ही भाषण देती हैं। पर्यावरण को लेकर उनकी गतिविधियों को देखते हुए स्कूल प्रबंधकों ने भी कई बार उसे सम्मानित किया है।
एकमजोत ने पर्यावरण संरक्षण के इस सफर की शुरुआत घर के नजदीक एक पार्क को गोद लेने के साथ की। एकमजोत ने बताया कि उनके घर के नजदीक लहल कालोनी में एक पार्क था, जिसकी संभाल न होने के कारण पार्क में लगे पौधों की हालत काफी बुरी थी। जिसके बाद उन्होंने अपने अभिभावकों के साथ मिलकर इसकी संभाल का काम संभाला। जिसे अब तक वह खुद ही मेनटेन कर रही हैं। एक पेड़ कई जिदगी मुहिम की शुरुआत भी की
पौधारोपण के साथ-साथ एकमजोत कौर ने लोगों को जागरूक करने का भी फैसला किया है। इसके तहत हर हफ्ते रविवार को एकमजोत सुबह जहां दो से तीन घंटे शहर निवासियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करती है, वहीं पहले से लगाए पौधों की भी देखभाल करती हैं। एकमजोत ने 'एक पेड़ कई जिदगी' मुहिम की शुरुआत भी की। इसके तहत लोगों को जागरूक करने के इरादे से कई जागरूकता रैलियां भी निकालीं और ट्रैफिक सिग्नल पर रुकने वाले राहगीरों को भी जागरूक किया। रूहानी जंगल के तहत लगाए मेडिसिन प्लांट्स
एकमजोत ने एक ओंकार रूहानी जंगल लगाने की शुरुआत भी नवंबर से की। जिसके तहत बहेड़ा, सोहांजना, नीम, जामुन, बिल्व पत्र आदि के पौधे लगाए गए। एकमजोत कौर ने कहा कि इन पौधों के गुणकारी होने के साथ-साथ इन्हें ज्यादा पानी की भी जरूरत नहीं पड़ती और यह आक्सीजन भी ज्यादा देते हैं।
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