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    उज्ज दरिया का उफान भी नहीं बहनों को राखी बांधने से नहीं रोक पाया भाइयों के लिए उफान के बीच नाव पर सवार होकर दरिया पार किया

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 11 Aug 2022 10:14 PM (IST)

    विधानसभा हलका भोआ का गांव लसियान उज्ज दरिया के पार बसा हुआ है। वीरवार को रक्षाबंधन के दिन बारिश के चलते दरिया पूरे उफान पर था लेकिन इसके बावजूद नाव पर सवार होकर दरिया पार करके कई बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए पहुंचीं।

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    उज्ज दरिया का उफान भी नहीं बहनों को राखी बांधने से नहीं रोक पाया भाइयों के लिए उफान के बीच नाव पर सवार होकर दरिया पार किया

    दीपक कुमार, बमियाल: भाई बहन के स्नेह की डोर इतनी मजबूत है कि कोई भी रुकावट उनके स्नेह की इस डोर को कमजोर नहीं कर सकती। ऐसी ही तस्वीर रक्षाबंधन के दिन देखने को मिली। उफनता हुआ उज्ज दरिया भी बहनों के प्यार को रोक नहीं पाया। रक्षाबंधन के दिन हर बहन अपने भाई की कलाई पर उसकी सलामती और खुशहाली के लिए रेशम का धागा बांधकर लंबी उम्र की कामना करती है।

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    विधानसभा हलका भोआ का गांव लसियान उज्ज दरिया के पार बसा हुआ है। वीरवार को रक्षाबंधन के दिन बारिश के चलते दरिया पूरे उफान पर था, लेकिन इसके बावजूद नाव पर सवार होकर दरिया पार करके कई बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए पहुंचीं। गांव की रुपिदर कौर, रजनी देवी व बिदर कौर ने बताया कि हर बहन रक्षाबंधन के दिन का बेसब्री से इंतजार करती है, ताकि वे अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकें। दरिया में पानी काफी अधिक था, लेकिन मन में भाई की कलाई पर राखी बांधने की तमन्ना लिए वह नाव पर सवार होकर दरिया पार कर अपने गांव पहुंचीं और अपने भाइयों को राखी बांधी। पक्के पुल के लिए दो-तीन वर्ष करना होगा इंतजार

    बता दें कि यह गांव पूरी तरह से दरिया से घिरा हुआ है। हर बरसात के मौसम में दरिया का उफान ज्यादा होने पर जहां लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। हर वर्ष रक्षा बंधन के दिन इसी प्रकार नाव पर सवार होकर बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने पहुंचती है। हालांकि अभी यहां केंद्र सरकार की ओर से पक्के पुल की मंजूरी दी गई है, लेकिन फिलहाल आगामी दो-तीन वर्ष तक लोगों को ऐसे ही जीवन व्यतीत करना होगा। एक लाख क्यूसिक तक दरिया में छोड़ा गया पानी

    वीरवार को रक्षाबंधन के दिन दरिया का पानी सुबह से ही बढना शुरू हो गया था। सुबह दरिया का बहाव कम था जैसे जैसे दिन निकलता गया दरिया का पानी भी बढ़ता गया। दोपहर 12:00 बजे के आसपास दरिया का जलस्तर 30,000 क्यूसिक रिकार्ड किया गया। दोपहर 1:00 बजे जम्मू कश्मीर के राज बाग से दरिया में 80,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। दोपहर 2:00 बजे फिर एक बार एक लाख 6,000 क्यूसिक पानी रिकार्ड किया गया। दोपहर 3:00 बजे पानी का बूहाव 80,000 क्यूसिक तक पहुंच गया। इसके चलते दिनभर दरिया उफान पर रहा।

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