Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    समाज को सही दिशा देने को 52 साल से साहित्य की सेवा कर रहे डा. महेश गौतम

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 26 Jan 2022 04:33 AM (IST)

    समाज को सही दिशा देने के इरादे से डा. महेश गौतम ने करीब 50 साल पहले साहित्य के क्षेत्र में पहली रचना काव्य संकलन ऐसे जिया जाता है से अपना सफर शुरू किया।

    Hero Image
    समाज को सही दिशा देने को 52 साल से साहित्य की सेवा कर रहे डा. महेश गौतम

    जागरण संवाददाता, पटियाला : समाज को सही दिशा देने के इरादे से डा. महेश गौतम ने करीब 50 साल पहले साहित्य के क्षेत्र में पहली रचना काव्य संकलन 'ऐसे जिया जाता है' से अपना सफर शुरू किया। इसके बाद उन्होंने छह उपन्यास और एक जीवन वृतांत भी लिखा। जिसके लिए उन्हें केंद्र, हरियाणा और पंजाब सरकार की तरफ से साहित्य एकेडमी अवार्ड समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। डा. महेश गौतम ने बताया कि उन्होंने अपने साहित्य जीवन की शुरुआत 1969 से की, उस समय उनकी आयु बीस वर्ष थी। जिसके बाद वह नहीं रुके और समाज को सही दिशा देने के इरादे से संस्कृत और हिदी में कई रचनाएं भी लिखीं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    डा. महेश गौतम ने हरियाणा में बतौर हिदी लेक्चरर नौकरी भी की है और वर्ष 2007 में वहां से रिटायर होने के बाद उन्होंने अपनी जिदगी की दूसरी पारी पूरी तरह से साहित्य को समर्पित कर दी। इस दौरान उन्होंने संस्कृत में 19 ग्रंथों का रचना कार्य पूरा किया। डा. महेश गौतम वर्ष 2020 में पंजाब राज्य के पहले हिदी और संस्कृत में साहित्य एकेडमी अवार्ड विजेता बने हैं। हालांकि अन्य भाषाओं में पंजाब के कई साहित्यकार यह अवार्ड हासिल कर चुके हैं, लेकिन संस्कृत में साहित्य एकेडमी अवार्ड जीतने वाले डा. महेश गौतम पहले व्यक्ति बने हैं।

    डा. महेश बताते हैं कि उनकी साहित्य में शुरू से ही रूचि थी। जिसके चलते उन्होंने 20 वर्ष की आयु में ही कई अखबारों के लिए लिखने से इसकी शुरुआत की, लेकिन कुछ समय बाद ही नौकरी और पारिवारिक जिम्मेवारियों के कारण उन्हें लेखन के कार्य से दूर होना पड़ा। हालांकि इस समय दौरान उन्होंने पूरी तरह से लिखना नहीं छोड़ा, लेकिन वर्ष 2000 से उन्होंने दोबारा पूरी तरह से साहित्य के लिए लिखना शुरू किया और कई रचनाएं पूरी की। इन पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं डा. गौतम

    1. वैशाली (संस्कृत उपन्यास) पर साहित्य एकेडमी (राष्ट्रीय साहित्य संस्थान) संस्कृति मंत्रालय द्वारा साहित्य एकेडमी पुरस्कार 2020।

    2. पंजाब सरकार द्वारा शिरोमणि संस्कृत साहित्यकार सम्मान 2011

    3. स्वातन्‌र्त्य समर (महाकाव्य) भाषा विभाग पंजाब सरकार द्वारा सर्वोत्तम पुस्तक के रूप में ज्ञानी संत सिंह पुरस्कार 2014 से पुरस्कृत।

    4. अधूरा आदमी (उपन्यास) भाषा विभाग पंजाब सरकार द्वारा सर्वोत्तम पुस्तक के रूप में सुदर्शन पुरस्कार 2015. से पुरस्कृत। इनकी पुस्तकों पर विभिन्न विश्वविद्यालयों में हो रहा शोध कार्य

    1. गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर, शोध विषय 'डाक्टर महेश चन्द्र शर्मा गौतम का व्यक्तित्व एवं कृतित्व : एक अनुशीलन', शोधकर्ता तुषार शर्मा व शोध निर्देशक हैं डा. विशाल भारद्वाज।

    2. चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, शोध विषय 'नीरजा उपन्यास का समीक्षात्मक अध्ययन', शोधकर्ता पूजा मिश्रा, शोध निर्देशिका हैं प्रो. सुकेश शर्मा।

    3. जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, दिल्ली, शोध विषय 'आधुनिक संस्कृत साहित्य में मानवाधिकार 1975 से वर्तमान तक', शोधकर्ता मनीष शर्मा व शोध निर्देशक डा. अभय शाण्डिल्य व प्रो. गिरीश चंद्र पंत हैं।

    4. मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय, उदयपुर (राजस्थान), शोध विषय 'संस्कृत साहित्य में अम्बेडकरचरिताश्रित काव्यों का समीक्षात्मक अनुशीलन'। शोधकर्ता फतेह चंद चौहान व शोध निर्देशिका हैं डा. अंजना।