अन्नदाता न जलाए पराली, सरकार करेगी जागरूक
जिले में 2.34 लाख हेक्टेयर रकबे में बीजे धान से पैदा होने वाली 14 लाख मीट्रिक टन पराली का सही निपटारा करने को डिप्टी कमिश्नर कुमार अमित ने संबंधित विभागों के अधिकारियों से मीटिग की।

जागरण संवाददाता, पटियाला : जिले में 2.34 लाख हेक्टेयर रकबे में बीजे धान से पैदा होने वाली 14 लाख मीट्रिक टन पराली का सही निपटारा करने को डिप्टी कमिश्नर कुमार अमित ने संबंधित विभागों के अधिकारियों से मीटिग की। उन्होंने कहा कि जिले में पराली की संभाल के लिए किसानों को जागरूक करने के लिए विशेष जागरूकता मुहिम चलाने सहित पराली के निपटारे के लिए प्रयोग की जाने वाली मशीनरी की वेरीफिकेशन से मैपिग को यकीनी बनाया जाए, ताकि मशीनरी का सही उपयोग किया जा सके।
पिछले साल गांवों में दस से भी कम पराली को आग लगाने के मामले सामने आए थे। डीसी ने खेतीबाड़ी, सहकारी सभा व पंचायत विभाग को इस बार इस पर पूर्ण रूप से आग न लगाने के लिए प्रेरित करने को कहा। उन्होंने कहा कि जिले में उपलब्ध सुपर सीडर, मल्चर, आरएमबी प्ले, हैपी सीडर, सुपर एसएमएस सहित 2354 मशीनें उपलब्ध हैं, जिनका सही उपयोग करके पराली का निपटारा किया जा सकता है।
डीसी ने कहा कि मशीनरी की उपलब्धता संबंधी जानकारी देने के लिए किसानों के लिए एप तैयार किया गया है, जिसकी मदद से किसान अपने नजदीक मौजूद मशीनरी की उपलब्धता संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। मीटिग के दौरान मुख्य खेतीबाड़ी अफसर डा. जसविदरपाल सिंह ग्रेवाल ने बताया कि पराली के निपटारे संबंधी जानकारी देने व पराली को आग लगाने से नुकसान संबंधी किसानों को जागरूक करने के लिए गांव व ब्लाक स्तर पर विशेष कैंप आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक सहकारी सभा के लिए सात, पंचायत को 34 व किसानों को 302 नई मशीनें सब्सिडी पर देने के लिए आवेदन मंजूर कर लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा जिले में पैदा होने वाली 14 लाख एमटी पराली का व्यापारिक प्रयोग करने के मकसद से सीधा फर्मों से भी संपर्क किया गया है। पराली की संभाल के लिए गांव की साझी जगहों पर फर्मों द्वारा पराली को ले जाया जा सकेगा।
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