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    गुरु जी की सराय को मस्जिद में बदलने के विवाद पर प्रशासन के पास पहुंचे दस्तावेज

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 24 May 2022 06:45 PM (IST)

    यहां गुजरांवाला मोहल्ले में हिदू-सिख जत्थेबंदियों के अनुसार गुरु जी की सराय को मस्जिद में बदलने और मुस्लिम समाज द्वारा पहले से ही यहां मस्जिद होने के आरोपों के बाद विवाद खड़ा हो गया था।

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    गुरु जी की सराय को मस्जिद में बदलने के विवाद पर प्रशासन के पास पहुंचे दस्तावेज

    संस, राजपुरा (पटियाला) : यहां गुजरांवाला मोहल्ले में हिदू-सिख जत्थेबंदियों के अनुसार गुरु जी की सराय को मस्जिद में बदलने और मुस्लिम समाज द्वारा पहले से ही यहां मस्जिद होने के आरोपों के बाद विवाद खड़ा हो गया था। इस विवाद को लेकर दोनों पक्षों ने अपने-अपने दावे को लेकर जरूरी दस्तावेज प्रशासन के पास जमा करवा दिए हैं। बहरहाल राजपुरा के एसडीएम हिमांशु गुप्ता का तबादला होने के बाद अब यह मामला नए एसडीएम डा. संजीव कुमार के पास पहुंच गया है। एसडीएम डा. संजीव कुमार इस मामले की जांच पहले भी कर चुके हैं अब वह जांच मुकम्मल करके फैसला देंगे।

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    हिदू-सिख पक्ष के संदीप कुमार, परमजीत सिंह माही, ज्ञान सिंह जस्सी, सोनिया पासी, सीमा रानी का कहना है कि देश की आजादी से ही यहां हिदू सिख भाईचारे के लोग रहते हैं। उनका आरोप है कि गुरु की सराय को मस्जिद का रूप दे दिया गया है। उनका दावा है कि बंटवारे से पहले इस स्थान पर एक सिख परिवार रहता था। वही गुरु की सराय की देखरेख भी करता था। बाद में उसे डरा-धमकाकर मुस्लिमों ने उस जगह को हासिल कर लिया। कुछ समय बाद वहां मस्जिद बना दी गई। उस स्थान पर पहले सिखों का धार्मिक चिन्ह था, जिसे हटा दिया गया। यह विवाद कोर्ट में भी गया जहां साल 2017 में मुस्लिम पक्ष ये साबित नहीं कर पाया कि यह स्थान उनका है। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सिखों के पक्ष में सुनाया। हिदू संगठनों का आरोप है कि गुरु की सराय में नमाज अब भी पढ़ी जाती है। मस्जिद पहले से ही थी, बस नया आकार दिया

    इस मामले में मुस्लिम पक्ष का नेतृत्व कर रहे गुजरांवाला मस्जिद के अध्यक्ष अख्तर हुसैन, इस्लाम अली व इमाम अब्दुल सत्तार का कहना है कि इस बाबत हमसे स्थानीय प्रशासन ने दस्तावेज मांगे हैं, जो हमने जमा कर दिए हैं। गुज्जरांवाला मोहल्ले में पहले से ही मस्जिद बनी हुई थी। भारत विभाजन के बाद इस जगह पर रहने वाले कई लोग पाकिस्तान चले गए थे। लेकिन यहां मौजूद मुस्लिमों ने मस्जिद को धरोहर के रूप में सहेज कर रखा था। अब उसी मस्जिद को नया आकार दिया गया है। यह जांच का विषय है। सारे दस्तावेज चेक करने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है। इस बारे में जल्द ही दोनों पक्षों से मीटिग करके मामला निपटाया जाएगा।

    डा. संजीव कुमार, एसडीएम।