आस्ट्रेलिया का फर्जी विजिटर वीजा देकर युवक भेजा दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ा,
पटियाला विदेश जाने के लिए अधिकतर युवा इमीग्रेशन आफिस व ट्रेवल एजेंसियों के चक्कर काटते रहते हैं।
जागरण संवाददाता, पटियाला : विदेश जाने के लिए अधिकतर युवा इमीग्रेशन आफिस व ट्रेवल एजेंसियों के चक्कर काटते रहते हैं। इन युवाओं के विदेश जाने की इच्छा की आड़ में कुछ इमीग्रेशन कंपनियां धोखाधड़ी भी कर रही हैं। ऐसी ही ठगी का शिकार बहादुरगढ़ कस्बा के हीरा कालोनी निवासी युवक हुआ है, जिसे आस्ट्रेलिया का फर्जी विजिटर वीजा थमाकर दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा दिया गया। दिल्ली एयरपोर्ट पर वीजा फर्जी होने पर पुलिस ने काबू करने के बाद करीब एक घंटे की पूछताछ के बाद छोड़ा था। वापस लौटते ही युवक ने एसएसपी को शिकायत कर दी। करीब एक साल पहले हुई ठगी के मामले में तीन लोगों को नामजद किया है। थाना अर्बन एस्टेट में यह मामला भूपिदर सिंह निवासी हीरा कालोनी के बयानों पर इमीग्रेशन कंपनी यूनाइटेड ट्रेवल के मालिक विक्रम सिंह निवासी लता ग्रीन एंक्लेव, नरिदर सिसोदिया निवासी रिशी कालोनी व मुख्तयार सिंह निवासी चिनार बाग के नजदीक अर्बन एस्टेट फेस दो के खिलाफ दर्ज किया है।
ऐसे बुनी ठगी की कहानी
भूपिदर सिंह ने बताया कि वह प्राइवेट नौकरी करता है और आरोपित मुख्तयार सिंह से पारिवारिक मेलजोल है। मुखत्यार सिंह ने कहा कि यहां पर इतनी कमाई नहीं होती है, ऐसे में वह आस्ट्रेलिया जाकर सेटल हो जाए। आस्ट्रेलिया भेजने के लिए वह एक इमीग्रेशन कंपनी के मालिक को जानता है। बातचीत के बाद 9:50 लाख रुपये में आस्ट्रेलिया का विजिटर वीजा पर भेजना तय हुआ। भूपिदर सिंह ने बताया कि पिता पोस्ट आफिस से क्लर्क रिटायर हुए थे, जिस वजह से रिटायरमेंट का पैसा पड़ा था। पिता से कुछ पैसे उधार लेकर आरोपितों को साढ़े नौ लाख दे दिए। पैसे लेने के बाद इन लोगों ने अक्टूबर 2019 में वीजा लगाकर दे दिया। घर से पूरी तैयारी करने के बाद रात की फ्लाइट पकड़ने के लिए विक्रम सिंह व एक ड्राइवर के साथ दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे। यहां पर एयरपोर्ट फोर्स ने फर्जी वीजा होने पर पकड़ने के बाद वापस लौटा दिया, वहीं एजेंट वापस लौट चुका था। दिल्ली से पटियाला पहुंचा तो यहां आने पर इन लोगों ने 50 हजार रुपये (करीब एक हजार आस्ट्रेलियन डालर) लिए और कहा कि वीजा व इमीग्रेशन अथारिटी के पास सही बात न करने पर यह जुर्माना लगा है। यह पैसा लेने के बाद भी उसे बाहर नहीं भेजा तो पुलिस को शिकायत की थी।
जिसे ठगा उसी के खिलाफ ही केस दर्ज किया
भूपिदर सिंह ने बताया कि आस्ट्रेलिया जाने के लिए उसके एक दोस्त जसविदर सिंह ने भी अप्लाई किया था, जिसने करीब 12 हजार रुपये सरकारी फीस दी थी। बाकी पैसे कैश देने के बजाय चेक दिया था, लेकिन ठगी करने वालों ने फर्जी वीजा पाए जाने के कुछ समय के बाद ही बैंक में चेक लगाकर चेक बाउंस का कोर्ट केस कर दिया। कोर्ट केस में वीजा लगने के बाद पैसा न देने के आरोप लगाए हैं, यहा मामला अदालत में विचाराधीन है।
केस दर्ज हो चुका, अब आरोपित गिरफ्तार करेंगे : एसएचओ
थाना अर्बन एस्टेट के इंचार्ज हैरी बोपाराय ने कहा कि फिलहाल आरोपितों के खिलाफ सीनियर अधिकारियों की पड़ताल के बाद केस दर्ज हुआ है। अब इन्हें गिरफ्तार कर कार्रवाई करेंगे। रजिस्टर्ड कंपिनयों की पहले लें डिटेल : थापर
जिला पटियाला ट्रेवल एजेंट्स एसोसिएशन के प्रधान अजय थापर ने कहा कि विदेश जाने के इच्छुक लोगों का क्रेज लगातार बना हुआ है। विदेश जाने वालों से यही अपील है कि पैसा खर्च करने से पहले वह जिला प्रशासन से रजिस्टर्ड होने की पुष्टि जरूर करें। शहर में करीब 100 कंपनियां रजिस्टर्ड हैं। ठगी होने के बाद पुलिस के पास शिकायत करने के बजाय आवेदन करने से पहले ही एजेंट्स के बारे में पूरी जानकारी हासिल करें।