नारी सशक्तिकरण में आर्य समाज का महत्वपूर्ण योगदान : आचार्य
संस, पटियाला आर्य समाज मंदिर, आर्य समाज चौक द्वारा विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में आर्य ...और पढ़ें

संस, पटियाला
आर्य समाज मंदिर, आर्य समाज चौक द्वारा विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में आर्य समाज और नारी सशक्तिकरण विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर वैदिक विदुषी साध्वी विशोका यती, हिसार से मुख्य प्रवक्ता के तौर पर विशेष रूप से पहुंची। उन्होंने कहा कि 19वीं सदी में भारतीय समाज में नारी की दशा बहुत ही दयनीय थी। आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती ने नारी को पुरुष के बराबर का दर्जा दिया। स्त्री जाति के लिए उन्होंने शिक्षा के द्वार खोल दिए। उन्होंने समाज से प्रश्न किया-पुरुषों को पड़ने का अधिकार है तो नारी को क्यों नहीं। स्वामी जी के निर्देशानुसार आर्य समाज ने पूरे देश में कन्या पाठशाला एवं गुरुकुल खोल दिए। आर्य समाज ने बाल विवाह, सती प्रथा जैसी कुरीतियां बंद करवाई। विधवाओं को पुनर्विवाह का अधिकार प्रदान कर आर्य समाज ने नारी सशक्तिकरण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ विश्व के सर्वश्रेष्ठ कर्म वैदिक यज्ञ के साथ किया गया। आर्य समाज के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने विश्व के मंगल कामना करते हुए यज्ञ में आहुतियां प्रदान की। कार्यक्रम के संयोजक बिजेंदर शास्त्री एवं डॉ. ओमदेव आर्य ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस मौके पर गीता शर्मा, अध्यापिका डीएवी पब्लिक स्कूल, पटियाला ने कहा कि वर्तमान समय में नारी सभी क्षेत्रों में पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलकर काम कर रही है। नारी को समाज के नवनिर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान निभाना होगा तभी एक सभ्य समाज का निर्माण हो पाएगा। स्वराज जोशी, प्रेम लाता ¨सगला, अंकिता ¨सगला, योगिया आर्य, छवि ¨सगला ने भी अपने विचार व्यक्त किए। आर्य समाज के प्रधान राज कुमार ¨सगला ने सभी का धन्यवाद प्रगट किया और उन्होंने कहा कि स्त्री और पुरुष मिलकर ही परिवार और फिर समाज का निर्माण होता। इस लिए स्त्री व पुरुष के आपसी प्रेम से ही समाज में सुख समृद्धि की वृद्धि हो सकती है। इस मौके पर संगीता ¨सगला, सुमन लता, अनुपमा आर्य, सरिता आर्य, वीरेंदर ¨सगला, निखिल मंडल, वेद प्रकाश, जितेंदर शर्मा, प्रवीण कुमार, आनंद मोहन सेठी, यशपाल ¨सगला, हर्ष वधवा एवं राजेश कोल अदि अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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