इमारतों पर विज्ञापन लगाने वाले 40 को नोटिस
विनय शौरी, पटियाला नई विज्ञापन पॉलिसी के अनुसार शहर की किसी भी सरकारी या निजी इमारत पर किसी भी प्
विनय शौरी, पटियाला
नई विज्ञापन पॉलिसी के अनुसार शहर की किसी भी सरकारी या निजी इमारत पर किसी भी प्रकार का विज्ञापन लगाना गैरकानूनी है, लेकिन यदि कोई कंपनी किसी दीवार पर कोई विज्ञापन प्रकाशित करवाना चाहती है या किसी पोस्टर को चिपकाना चाहती है तो उसकेलिए उसे निगम से अनुमति लेने के साथ निगम द्वारा तय रेट अनुसार फीस अदा करनी होती है। निगम बीते एक सप्ताह के भीतर इमारतों पर बिना अनुमित विज्ञापन लगाने वाली 40 कंपनियों को नोटिस जारी कर चुका है। नोटिस जारी होने के दस दिन के बाद भी यदि विज्ञापन कंपनिया अपने विज्ञापन को नहीं हटाती हैं तो उनके खिलाफ निगम पंजाब डी फेसमेंट एक्ट के अधीन पुलिस के पास मामला दर्ज करवा सकता है।
निगम अधिकारियों का कहना है कि शहर की किसी भी सरकारी या निजी इमारत पर विज्ञापन पॉलिसी के तहत कोई भी विज्ञापन न तो पेंटिंग के रूप में लगा सकता है और न ही किसी इमारत पर कोई विज्ञापन चिपका सकता है। शहर में लैंड शाखा के प्रभारी संजीव गर्ग ने बीते दिनों के सर्वे करने के बाद कई दीवारों पर लगे विज्ञापन की वीडियोग्राफी करने सबूत इकट्ठा किए। इसके बाद उन्होंने करीब 40 लोगों को दीवारों पर बिना अनुमति विज्ञापन लगाने का नोटिस जारी कर दस दिनों के भीतर उन्हें साफ करने को कहा। निगम के नोटिस के बाद करीब 60 फीसद लोग अपने विज्ञापनों को साफ करने का काम कर चुके हैं।
जुर्माने के साथ जेल यात्रा भी संभव
जो लोग बिना अनुमति शहर की किसी भी सरकारी या गैर सरकारी इमारतों की दीवार पर किसी प्रकार का कोई विज्ञापन लगाएंगे तो उनके खिलाफ निगम पंजाब डी फेसमेंट एक्ट के अधीन पुलिस के पास मामला दर्ज करवा सकता है। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस आरोपी कंपनी का चालान मजिस्ट्रेट के सामने पेश करेगी और मजिस्ट्रेट कंपनी मालिक को जुर्माना या छह महीने की कैद की सजा सुना सकते हैं।
विज्ञापन ठेका लेने वाली कंपनियों का दवाब
जिन कंपनियों ने नगर निगम से विज्ञापन पॉलिसी के तय निगमों अनुसार यूनीपोल का ठेका लिया है, वह कंपनियां लगातार नगर निगम पर शहर में लगने वाले अवैध विज्ञापनों को लेकर सवाल उठा रहे हैं। यही कारण है कि नगर निगम बीते एक सप्ताह से लगातार पंजाब डी फेसमेंट एक्ट को कड़ाई से लागू करने का प्रयास कर रहा है। शहर की बिल्डिंगों पर जब कोई भी पोस्टर या पेंटिंग जब पूरी तरह से बंद हो जाएगी तो इसका सीधा फायदा नगर निगम और यूनीपोल का ठेका लेने वाली कंपनियों को मिलेगा। साथ ही अवैध रूप से लगने वाले विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगने से शहर की सुंदरता भी बरकरार रह सकेगी।
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