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    12वीं पास लड़कों ने जाली कागजात से करवाई 150 ड्रग तस्करों की जमानत, पुलिस ने ऐसे किया पर्दाफाश

    Updated: Sat, 21 Jun 2025 10:43 PM (IST)

    पटियाला पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों से 150 से अधिक नशा तस्करों की जमानत करवाने वाले रेणु कांत गिरोह के 9 सदस्यों को गिरफ्तार किया। बरामदगी में फर्जी मोहरें, दस्तावेज, सैमसंग टैब और कार शामिल हैं। गिरोह जाली फर्द, हस्ताक्षर और ओटीपी के जरिए जमानत हासिल करता था।

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    पुलिस की गिरोह में आरोपित

    जागरण संवाददाता, पटियाला। नशा तस्करी में गिरफ्तार होने पर जमानत न मिलने पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमानत करवाई जाती थी। पटियाला पुलिस ने 150 से अधिक नशा तस्करों की फर्जी जमानतें हासिल करने वाले इस गिरोह के 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 4 फर्जी मोहरें, 22 फर्द, आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। फर्जी दस्तावेज तैयार करने में इस्तेमाल किया जाने वाला एक सैमसंग टैब, एक मेमोरी कार्ड व एक कार भी बरामद हुई है।

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    एसएसपी वरुण शर्मा ने बताया कि डीएसपी इन्वेस्टिगेशन राजेश कुमार मल्होत्रा व सीआईए हेड इंस्पेक्टर प्रदीप सिंह बाजवा के नेतृत्व वाली टीम ने नशा तस्करों को जमानत दिलाने वाले रेणु कांत गिरोह का पर्दाफाश किया है। 20 जून 2025 को रेणु कांत, सतपाल उर्फ सन्नी, गुरदीप सिंह उर्फ रवि, हाकम सिंह, कुलविंदर सिंह उर्फ रोहित को बारादरी के नजदीक लेबर कोर्ट से और 21 जून 2025 को विकास नगर के नजदीक पुराने बस स्टॉप से संदीप सिंह उर्फ गग्गी, लवप्रीत सिंह लवी, धीरा सिंह व जगदीप सिंह उर्फ दीप को गिरफ्तार किया गया।

    ऐसे करवाते थे फर्जी दस्तावेजों पर जमानत

    एसएसपी पटियाला ने बताया कि इस गिरोह का मुख्य सरगना 12वीं पास 35 साल का रेणु कांत है तथा इस गिरोह के कई सदस्यों के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य अपराधों के तहत पहले भी मामले दर्ज हैं। यह गिरोह जेल में बंद उन अपराधियों से संपर्क करते थे, जिनकी अदालतों द्वारा जमानत हो चुकी होती थी। जमानत होने के बाद ऑनलाइन कागजी दस्तावेज जमा करवाना होता है। जमानती को जेल से बाहर निकालने के लिए जमानत की अंतिम प्रक्रिया के अनुसार रेवेन्यू विभाग में ऑनलाइन फर्द जमा करवाने के लिए टोकन के लिए गिरोह के मेंबर आवेदन करते थे।

    फर्द जमा करवाने के लिए वे तहसीलदार की जाली मुहर व हस्ताक्षर का प्रयोग करके हलका पटवारी की जाली रिपोर्ट तैयार करते थे। फिर वे पंचायत सदस्य के जाली पहचान पत्र तैयार करते थे तथा बीडीपीओ की जाली मुहर लगाकर जाली हस्ताक्षर करके जाली पहचान पत्र तैयार करते थे। फर्द असली व्यक्ति की बजाय अपने गिरोह के सदस्यों की फोटो लगाकर संबंधित अदालत में सबमिट करते थे। जमानत दाखिल करते समय कोर्ट की वेबसाइट से ओटीपी जारी होता है जिसे वे मिलीभगत कर ओटीपी हासिलकर जमानत लेते थे।

    गिरफ्तार गिरोह का यह है रिकॉर्ड

    आरोपित रेनू कांत गिरोह का हेड है, जो 12वीं पास 35 साल का सनौर पटियाला निवासी है। 12वीं पास 32 साल का सतपाल उर्फ सन्नी दशमेश नगर कोटकपूरा श्री मुक्तसर साहिब, गुरदीप सिंह उर्फ रवि 12वीं पास 28 साल निवासी गांव दित्तुपुर भादसों थाना पटियाला, हाकम सिंह 53 साल सातवीं पास निवासी छज्जूभट्ट नाभा, कुलविंदर सिंह उर्फ रोहित निवासी महांवीर कालोनी भवानीगढ़ संगरूर, 22 साल बीए पास, संदीप सिंह उर्फ गग्गी निवासी संगतसर नगर भवानीगढ़ संगरूर, धीरा सिंह उम्र 29 साल बारहवीं पास निवासी संगतसर नगर भवानीगढ़ संगरूर व जगदीप सिंह उर्फ दीप 24 साल 12वीं पास संगतसर नगर भवानीगढ़ संगरूर को गिरफ्तार किया गया है।

    एसएसपी ने बताया कि पिछले समय के दौरान उन्होंने नशा तस्करी, हत्या प्रयास व अन्य गंभीर अपराधों के 150 से अधिक मामलों में जाली जमानतें दाखिल की हैं तथा इनके द्वारा जाली जमानतें दाखिल करने के कारण ही नशा तस्कर व अन्य अपराधी जो बार-बार अपराध करते हैं, जेलों से बाहर आ चुके हैं।