मेडिकल स्टोर की आड़ में नशे का कारोबार
जागरण न्यूज नेटवर्क, पातड़ां (पटियाला) सरकार और सेहत विभाग द्वारा नशे के खिलाफ शुरू की गई विशेष मुह ...और पढ़ें

जागरण न्यूज नेटवर्क, पातड़ां (पटियाला)
सरकार और सेहत विभाग द्वारा नशे के खिलाफ शुरू की गई विशेष मुहिम फाइलों तक सीमित होकर रह गई है। सरकार द्वारा नशा तस्करों पर शिकंजा कसने के बाद अब नशेड़ियों को स्मैक. अफीम, हेरोइन, चूरा पोस्त जैसे नशे न मिलने कारण उनका रुझान गांवों में मेडिकल स्टोरों की तरफ हो गया है, जहां उनकी मन की पूरी हो जाती है।
सेहत माहिरों द्वारा कई तरह के रोगों में प्रयोग की जाने वाली दवाइयां जैसे प्रॉक्सीवेन, कलोनेजापाम, एलप्रेक्स, ट्रामाडोल, एविल आदि दवाइयों का गलत प्रयोग करते हुए स्थान-स्थान पर खुले ज्यादा मेडिकल स्टोरों से प्राप्त करके लोग इस को नशे के तौर पर प्रयोग कर रहे हैं। दवाइयों के विक्रेता भी इससे मोटी कमाई करते हैं, परंतु कुंभकर्णी नींद सौ रहा सेहत विभाग इससे बिल्कुल अंजान है।
इस संबंधी इलाके के लोगों का कहना है कि नशे को रोकने के लिए सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद मेडिकल स्टोरों की जांच करने के लिए सेहत विभाग में तैनात ड्रग इंस्पेक्टरों द्वारा जांच नहीं की जाती। इससे साफ जाहिर होता है कि यह गोरखधंधा कथित मिलीभगत से ही चल रहा है।
लोगों के मुताबिक ऐसे स्थानों पर नशे को रोकने के लिए ड्रग इंस्पेक्टरों की ड्यूटी पुलिस निभा रही है, जोकि भारी मात्रा में नशे की गोलियां काबू करके गलत अनसरों खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही है। इस बारे पर हलके के ड्रग इंस्पेक्टर से बातचीत करने की कोशिश की गई, परंतु उनका फोन उठाना ही मुनासिब न समझना साबित करता है कि वह अपनी ड्यूटी संबंधी गंभीर नहीं हैं।

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