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    सैनिटाइजर का प्रयोग सिर्फ तब करें, जब साबुन व पानी से हाथ धोना संभव न हो: डॉ. अलका

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 16 Jun 2020 06:08 AM (IST)

    जिदगी का रखवाला सैनिटाइजर लोगों के लिए अब समस्या पैदा करने लगा है। एक तरफ यह कोरोना संकट में लोगों के लिए अमृत साबित हो रहा है।

    सैनिटाइजर का प्रयोग सिर्फ तब करें, जब साबुन व पानी से हाथ धोना संभव न हो: डॉ. अलका

    संवाद सहयोगी, पठानकोट : जिदगी का रखवाला सैनिटाइजर लोगों के लिए अब समस्या पैदा करने लगा है। एक तरफ यह कोरोना संकट में लोगों के लिए अमृत साबित हो रहा है। दूसरी ओर इसका जरूरत से अधिक इस्तेमाल त्वचा पर असर कर रहा है। कोरोना संक्रमण के दौर में सैनिटाइजर के प्रयोग से त्वचा रोग होने के मामले सामने आने लगे है। सैनिटाइजर में एल्कोहल की मात्रा अधिक होती है। यह भले ही कीटाणुओं को नष्ट करने में सहायक होती है, लेकिन मनुष्य त्वचा पर इसका जरूरत से अधिक इस्तेमाल से हानिकारक प्रभाव होते हैं। हालांकि अभी जिले में कम ही ऐसे मामले सामने आए हैं जो सैनिटाइजर का जरूरत से अधिक इस्तेमाल करते थे।

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    लोग थोड़ी-थोड़ी देर में हैंड सैनिटाइजर से खुद को सुरक्षित रखने की करते है कोशिश: डॉ. अलका

    स्किन स्पैशलिस्ट डॉ. अलका सरपाल ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण हैंड सैनिटाइजर का काफी अधिक इस्तेमाल हो रहा है। अधिक सावधानी बरतने के लिए लोग थोड़ी-थोड़ी देर में हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर खुद को सुरक्षित या साफ रखने की कोशिश कर रहे हैं। हर समय और हर जगह साबुन और पानी से हाथ धोना भी मुमकिन नहीं होता, इसलिए इस समय पर लोग हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करते हैं। हर रोज हैंड-सैनिटाइजर के अत्यधिक प्रयोग के कुछ साइड-इफेक्ट्स भी हैं। सैनिटाइजर उन बैक्टीरिया को भी मार देता है जो हमारे शरीर के लिए लाभदायक होते हैं। इसका समाधान यह है कि सैनिटाइजर का प्रयोग सिर्फ तब किया जाए जब आपके लिए साबुन और पानी से हाथ धोना संभव न हो। बैक्टीरिया न उत्पन्न हो, इसके लिए सैनिटाइजर की जगह साबुन और पानी से हाथ धोने को वरीयता दें।

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    अल्कोहल पोइजनिग का बढ़ता है खतरा अगर हैंड सैनिटाइजर गलती से मुंह के अंदर चला जाए तो यह परेशानी का कारण बन सकता है। इस मामले में बच्चे सबसे ज्यादा खतरे में होते हैं। स्टैंड हैंड सैनिटाइजर बच्चों को आकर्षित करते हैं। अट्रैक्टिव पैकेज, ब्राइट कलर होने के कारण बच्चे इसके पास जाते हैं। इसलिए इन्हें बच्चों की पहुंच से दूर रखें। बच्चों की स्किन कोमल व नाजुक होती है इसलिए यह सबसे ज्यादा बच्चों पर साइड इफेक्ट करता है। इसलिए जरूरत से अधिक इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

    ऐसे करें असली सैनिटाइजर की पहचान

    कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार अनेक एडवाइजरी जारी की गई है। असली सैनिटाइजर की पहचान जरूरी है, जो सैनिटाइजर सही होगा वह थोड़ा हाथ पर ठंडा सा लगेगा और बहुत जल्दी सूख जाएगा, जिससे चिपचिपा नहीं होगा। प्लास्टिक की बोतलों में ब्रैंडेड सैनिटाइजर की तरह से पैकिग की जा रही है। ऐसे सैनिटाइजर्स आपको मेडिकल स्टोर में दिखाई दे जाएंगे। लेकिन आप इन्हें असली समझने की गलती न करें। इसलिए असली सैनिटाइजर वही है जो हाथ पर ठंडा महसूस करवाते हुए जल्द सूख जाए।