जनरल जोरावर सिंह को दी श्रद्धांजलि
उन्होंने अपने जैक स्टेट फोर्सेज का नेतृत्व करते हुए कई महत्वपूर्ण युद्धों में अपनी सेना को विजय दिलाई। जनरल जोरावर सिंह ने बाल्टिस्तान युद्ध तिब्बत पर आक्रमण में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
संवाद सूत्र, मामून: क्षत्रिय राजपूत महासभा की ओर से प्रधान कृपाल सिंह पठानिया की अध्यक्षता में जनरल जोरावर सिंह की जयंती मनाई गई। सभा सदस्यों की ओर से जनरल जोरावर सिंह की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें शत-शत नमन किया गया। इस मौके पर पठानिया ने कहा कि जनरल जोरावर सिंह कहलुरिया भारत के एक महान सेनानायक थे। उन्होने लद्दाख, तिब्बत, बल्तिस्तान, स्कर्दू आदि क्षेत्रों को जीता था। उन्हें 'भारत का नेपोलियन' कहा जाता है। ये महाराजा गुलाब सिंह के सेनानायक थे। जनरल जोरावर सिंह कुशल प्रशासक, इंतजामी, साहसी युद्ध कौशल में निपुण और महान योद्धा थे। उनके व्यक्तित्व तथा कार्य कुशलता से प्रभावित होकर महाराजा गुलाब सिंह ने उन्हें किस्तवाड् का गवर्नर नियुक्त कर वजीर की पदवी प्रदान की थी। उन्होंने अपने जैक स्टेट फोर्सेज का नेतृत्व करते हुए कई महत्वपूर्ण युद्धों में अपनी सेना को विजय दिलाई। जनरल जोरावर सिंह ने बाल्टिस्तान युद्ध, तिब्बत पर आक्रमण में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। तिब्बत आक्रमण में विजय अभियान को आगे बढ़ाते हुए जनरल जोरावर सिंह ने 12 दिसंबर 1841 को तोया युद्ध में अभूतपूर्व साहस का परिचय देते हुए रणक्षेत्र में वीरगति प्राप्त की। अदम्य बहादुरी के कारण ही इन्हें भारत का लिटल नेपोलियन भी कहा जाता है।
इस मौके पर महासचिव रणधीप सिंह डडवाल, सीनियर उपाध्यक्ष कैप्टन कर्ण सिंह गुलेरिया, गंधर्व सिंह, सुभाष सिंह, पुष्पेंदर सिंह, विनोद सिंह, विजय सिंह, खजान सिंह, रिशु पठानिया, जितेंद्र सिंह, प्रवीण सिंह, रणवीर सिंह, विवेक सिंह, विनोद सिंह, सुरजीत सिंह, पूरन सिंह, जसविदर सिंह, जसवंत सिंह, जीवन सिंह, कुलदीप सिंह, रमेश सिंह व अन्य मौजूद थे।
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