कबूतर पालने वलों का वन्य जीव विभाग कर रहा है सर्वे
टिकटॉक पर वन्य जीवों का शिकार देख कर जिला पठानकोट की टीम सतर्क हो गई हैं।
राज चौधरी, पठानकोट
टिकटॉक पर वन्य जीवों का शिकार देख कर वन विभाग सर्तक हो गया। इस टिकटॉक में कबूतर पालने के शौकीन लोगों ने एक बाज का शिकार कर मारने की वीडियो वायरल होने के वन्य जीव विभाग ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। वायरल हो रही वीडियो में बाज की हत्या करने वाला कह रहा है अब कोई भी जीव उसके कबूतरों का शिकार करेगा तो उसकी इसी तरह हत्या कर दी जाएगी।
लोगों की इसी मनोदशा को देख कर विभाग ने नौ टीमें गठित की हैं। ये टीमें गांव-गांव जाकर सर्वे कर रही है गांव में कितने लोगों ने कौन-कौन से पक्षी पाल रखे हैं। इसमें सफेद कबूतरों को छोड़ कर अन्य किसी भी पक्षी को रखने की अनुमति नहीं है।
260 लोगों का किया पंजीकरण इन टीमों ने अब तक जिला पठानकोट के विभिन्न गांवों में इस टीम की ओर से 112 और गुरदासपुर में 148 लोगों को पंजीकृत किया गया है जिन्होंने कबूतर पाल रखे हैं। इन टीमों ने पैटशॉप पर जाकर दुकानदारों को भी आगाह किया है कि वह किसी भी वन्य जीव को कैद न रखें। यदि ऐसा कोई मामला सामने आया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
तोता-बंदर पाले तो कैद
विभाग की ओर से इस सर्वे का मुख्य कारण जहां एक ओर इस बात का बारीकी से पता लगाना है कि कितने लोगों की ओर से अवैध ढंग से पक्षियों को कैद करके रखा गया है तथा कितने लोगों के पास सफेद कबूतर पाले गए हैं। जिला भर में इन लोगों के नाम रजिस्टर्ड कर लिये गए हैं जिनकी समय-समय पर स्क्रीनिंग होती रहेगी। ग्रामीण तथा शहरी स्तर पर भी गली-मोहल्ला के लोगों को कहा गया है कि यदि कोई वन्य जीव को कैद किये जाने की बात सामने आती है तो तत्काल विभाग को सूचित किया जाए।
77 तोते बचने के आरोप में पकड़ा गया था युवक
वन्य जीव विभाग पठानकोट की टीम ने गत माह सैली रोड पर पैटशॉप की आड़ में वन्य जीवों की अवैध रूप से तस्करी करने के आरोप में एक युवक को भी काबू किया था। आरोपित से टीम ने करीब 77 तोते बरामद किये थे। साथ ही पक्षी क्रूरता एक्ट के तहत उस पर मामला भी दर्ज किया गया था। मालूम हो कि
दो हजार में बिक रहे हैं तोते
बाजार में बड़े तोतों की कीमत 1500 दो हजार रुपए तक हैं। जबकि देसी तोते की कीमत 500 रुपए से लेकर एक हजार के बीच है। इसी चक्कर में शिकारी तोतों की तस्करी करने में सक्रिय रहते हैं।
तीन साल की सजा का प्रावधान
वन्य जीव विभाग के डीएफओ राजेश महाजन ने बताया कि वन्य जीव अधिनियम के तहत देश में यदि कोई भी व्यक्ति कोई वन्य जीव को पालता या उसे कैद करके रखता है तो यह कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है। जिसे पालने वालों पर 25 हजार जुर्माना व तीन वर्ष की कैद हो सकती है। यदि कोई वन्य जीवों का जान से मारता है तो उसे सात साल की कैद हो सकती है।
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