Punjab Flood: बाढ़ की चपेट में आए पंजाब के 130 गांव, मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट; 30 अगस्त तक सभी स्कूल बंद
पंजाब में बाढ़ से हालात गंभीर बने हुए हैं जहां रणजीत सागर पौंग और नंगल बांधों से पानी छोड़े जाने और भारी वर्षा के कारण सात जिलों के लगभग 130 गांव प्रभावित हैं। कई क्षेत्रों में 10 फीट तक पानी भर गया है जिससे वायुसेना और एनडीआरएफ की मदद से बचाव कार्य जारी है। रेलवे पुलों को भी खतरा है जिससे रेल यातायात प्रभावित हुआ है।
जागरण संवाददाता, पठानकोट। राज्य में बाढ़ प्रभावित सात जिलों में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। इन जिलों के करीब 130 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं और यहां तीन से दस फीट तक पानी भर गया है।
ऐसे हालात राज्य के सभी तीन बांधों रणजीत सागर, पौंग और नंगल से लगातार पानी छोड़े जाने और लगातार हो रही वर्षा के कारण बने हैं। मौसम विभाग की और से राज्य के कई जिलों में आगामी दिनों में भारी वर्षा का रेड तो कही येलो अलर्ट जारी किया है।
इसको देखते हुए राज्य के सभी स्कूल 30 अगस्त तक बंद रखने का फैसला लिया है। यही नहीं रेलवे पुल की सुरक्षा को लेकर पठानकोट-जालंधर रेलमार्ग प्रभावित हुआ है।
उधर, बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने में स्थानीय प्रशासन के अलावा एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें लगी हुई हैं। पठानकोट के बमियाल क्षेत्र में गांव कजले में करीब दस फीट तक पानी भर जाने के बाद ग्रामीणों को बचाने के लिए वायुसेना की भी मदद ली गई।
बचाव अभियान जारी
यहां 12 लोगों को हेलिकॉप्टर की मदद से एयरलिफ्ट किया गया। वहीं, एनडीआरएफ ने पठानकोट के गांव मासनपुर स्थित एक डेरे में फंसे छह लोगों सहित 14 लोगों को बचाया है। कुछ लोग अब भी वहां बाढ़ में फंसे हुए हैं। रावि और ब्यास दरिया में जलस्तर बढ़ने से गुरदासपुर में चार और कपूरथला जिले में एक जगह तटबंध टूटने से पानी तेजी से गांवों में घुसने लगा है।
बाढ़ के चलते अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी पानी भरने लगा है। यहां बीएसएफ की चौकियां भी पानी में डूब गई हैं, बीएसएफ के जवान यहां गहरे पानी में पैदल तो कहीं वोट के सहारे गशत में जुटे हुए हैं।
दरियाओं का जलस्तर बढ़ने से पठानकोट के चक्की दरिया पर जालंधर की तरफ जाने के लिए बनाए गए पुल से तीसरे दिन भी यातायात शुरू नहीं हो पाया है। यही नहीं, मंगलवार को पठानकोट-मुकिरयां मार्ग पर ब्यास दिया पर गांव ढागू के पास बने रेलवे पुल को भी खतरा पैदा हो गया है।
ट्रेनें भी हुईं प्रभावित
इसी के चलते रेलवे ने रेल यातायात को डायवर्ट करने का फैसला किया है। इस पुल से केवल जालंधर के रास्ते जम्मू के लिए ट्रेनें बहुत धीमी गति से गुजारी जा रही हैं जबकि जम्मू से आने वाली ट्रेनों को वाया पठानकोट-अमृतसर चलाया जा रहा है।
मंगलवार को इसी के कारण करीब 18 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। सोमवार से पठानकोट के शाहपुरकंडी स्थित रणजीत सागर बांध के सभी सात फ्लड गेट खोले जाने के बाद रावी दरिया उफान पर है। इससे दरिया के किनारे बसे जिले के करीब 30 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। यहां सबसे बुरे हालात सीमावर्ती गांव बमियाल के अलावा गांव कजले और मासनपुर के हैं।
यहां करीब चार से दस फीट तक पानी भर गया है। लोगों ने घरों की छतों पर शरण ले रखी है। इसी तरह गुरदासपुर जिले के करीब 15 गांव ब्यास और रावी दरिया के किनारों में कटाव के कारण बाढ़ की चेपट में आ गए हैं। कपूरथला जिले के आहलीकलां में दरिया में कटाव आने से कुल 50 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। यहां पांच फीट तक पानी भर चुका है।
फाजिल्का के 12 गांवों में बाढ़
फिरोजपुर के 35 तो फाजिल्का के 12 गांव बाढ़ से जूझ रहे हैं। फाजिल्का के बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों ने बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है, यहां युवा घरों का सामान छत पर रखकर उसकी रखवाली कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि उनके लिए घर का सामान इस तरह छोड़कर जाना संभव नहीं हैं।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष में पहले दिन मिलीं 65 शिकायतें राज्य सरकार की ओर से जालंधर में कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा की देखरेख में बनाए गए बाढ़ नियंत्रण कक्ष में पहले दिन 65 शिकायतें मिलीं। सबसे अधिक 32 शिकायतें मानसा जिले से मिलीं।
लोगों ने शिकायत कर वर्षा कारण हुए भारी जलभराव से निकालने में मदद मांगी है। जालंधर के सर्किट हाउस में बनाए गए इस कक्ष में आ रहीं शिकायतों के निपटारे के लिए जिलों के संबंधित अधिकारियों को तुरंत सूचित किया जाता है और सहायता पहुंचने तक इसकी मानिटरिंग की जाती है।
हेल्पलाइन नंबर भी जारी
इसके अलावा लोग बाढ़ के पानी से निकालने, पशुओं को बचाने और कुछ खाने के लिए मदद मांग रहे हैं। सरकार ने छह हेल्पलाइन नंबर जारी किए सरकार ने किसी बाढ़ की आपदा में मदद के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष के छह नंबर जारी किए हैं। लोग 0181-2241871, 2241872, 2241873, 2241874, 2241875 और 2240064 नंबर पर फोन कर मदद मांग सकते हैं। यहां से मिली शिकायतें मानसा से 32 शिकायतें मिली तो दूसरे नंबर पर जालंधर रहा, जहां से आठ शिकायतें मिली है।
वहीं, गुरदासपुर से सात तरनतारन से चार, फिरोजपुर-फाजिल्का से तीन-तीन शिकायतें मिली हैं। इसके साथ ही पटियाला, अमृतसर, बठिंडा, बरनाला, कपूरथला, रोपड़ और मोगा से भी एक-एक शिकायतें मिली है।
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