पठानकोट में आवारा कुत्तों का कहर, अस्पताल में मरीजों की भीड़; नगर निगम की नसबंदी योजना फेल?
पठानकोट में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ रहा है, जिससे सिविल अस्पताल में मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है। नगर निगम की नसबंदी योजना टेंडर प्रक्रिया में विफलता के कारण अधर में लटकी है। हाल ही में, तारागढ़ में एक तीन वर्षीय बच्चा कुत्ते के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गया। अस्पताल के अनुसार, कुत्ते काटने के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, और लोगों को झाड़-फूंक की बजाय तुरंत इलाज कराने की सलाह दी जा रही है।

पठानकोट में आवारा कुत्तों का कहर (प्रतीकात्मक फोटो)
जितेंद्र शर्मा, पठानकोट। पठानकोट में अवारा कुत्तों का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। सिविल में आए दिन इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी के बाद भी नगर निगम प्रशासन की ओर इस और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा तथा विगत लंबे समय से अवारा कुत्तों को पकड़ कर उनकी नसबंदी किये जाने के टेंडर पर किसी की सहमति नहीं बन पा रही है।
ऐसे में यदि ये ही हालात रहे तो लोगों का घरों से बाहर निकलना मुशिकल हो जाएगा। गत माह हलकाए कुत्ते का शिकार होने के बाद सुजानपुर निवासी एक महिला तथा उसकी नाबालिग बेटी की मौत के बाद भी प्रशासन की ओर से अभी तक इस मामले में कोई सख्ती नहीं दिखाई गई तथा कुत्तों को पकड़ने के लिए टैंडर तक को अंतिम रूम नहीं दिया जा सका।
जानकारी के अनुसार गत माह, निगम की ओर से जिला वासियों को डाग बाइट के मामलों से राहत दिलाने के लिए टैंडर निकाला गया परंतु दो बार निकाले गए इस टैंडर पर किसी ठेकेदार की ओर से इस टैंडर को न उठाए जाने के बाद इस पर कोई सहमति नहीं बन पाई तथा मामला बीच अधर में ही लटका रहा।
ताजे मामले में गांव तारागढ़ में एक तीन वर्षीय मासूम बच्चे को आवारा कुत्ते ने बुरी तरह से काट लिया, जिससे बच्चे के माथे पर गहरा जख्म हो गया। घायल बच्चे को परिजनों ने तुरंत सिविल अस्पताल पठानकोट में भर्ती कराया, जहां डॉक्टर की ओर से उसका उपचार किया गया।
घटना की जानकारी देते बच्चे की माता नीरज ने बताया कि उनका बेटा खेलते-खेलते अचानक गेट से बाहर गली में चला गया, जहां एक आवारा कुत्ता पहले से घूम रहा था। कुत्ते ने अचानक बच्चे पर हमला कर दिया और उसे माथे से बुरी तरह काट लिया।
उन्होंने बताया कि यह कुत्ता पहले भी कई बार इलाके में लोगों पर हमला कर चुका है। उन्होंने बताया कि कुत्ते ने उनके तीन वर्षीय बेटे को बुरी तरह नोच डाला जिससे उसके सिर व माथे पर गहरे जख्म हो गए है।
जानकारी के लिए बता दे कि अवारा कुत्ते रोजाना कईयों काे अपना शिकार बनाते है। सिविल अस्पताल से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, आवारा कुत्तों के काटने के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है। 10 अक्टूबर को 34 मरीज एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगवाने पहुंचे, 11 अक्टूबर को यह संख्या 43 रही, 13 अक्टूबर को 61 मरीजों ने इलाज करवाया, जबकि 14 अक्टूबर को भी करीब 40 लोग इंजेक्शन लगवाने पहुंचे।
सिविल से प्राप्त यह आंकड़े बताते हैं कि जिला पठानकोट में आवारा कुत्तों का कहर लगातार बढ़ रहा है।वहीं कई ऐसे मामले भी है जो प्राइवेट अस्पतालों में भी इलाज के लिए पहुंचते है। ऐसे में लोगों की ओर से प्रशासन से इन कुत्तों की बढ़ रही संख्या पर काबू करने की मांग की गई है। लोगों का कहना है कि आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या आमजन के लिए खतरा बन चुकी है। राह चलते लोग और स्कूल जाते बच्चे इनके शिकार बन रहे हैं।
10 अक्टूबर में सिविल ने 823 डोज डॉग बाइट की मरीजों को लगाई, हर माह 250-300 से अधिक मामले आ रहे इलाज को- एसएमओ डक्टर सुनील चंद
उधर, इस संबंध में जब सिविल अस्पताल के एसएमओ डाक्टर सुनी चंद से बात की गई तो उन्होंने कहा कि डॉग बाइट के मामले प्रत्येक माह 250 से अधिक सिविल अस्पताल में पहुंच रहे हैं जिनका इलाज किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विगत माह भी 800 के करीब डोज अस्पताल प्रबंधन की ओर से मरीजों को लगाई गई है। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम ये है कि यदि आवारा कुत्तों से अपने आप को बचाया जाए परंतु यदि किसी कारण वंश किसी व्यक्ति को कुत्ता काट लेता है तो उन्हें झाड़फूंक की बजाए तत्काल सिविल अस्पताल जाकर अपना इलाज करवाना चाहिए।
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